बच्चों के लिए बिस्किट-दूध ले लिया, आ रहा हूं घर कहते ही... दिल्ली ब्लास्ट में बुझ गया घर का इकलौता चिराग
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 09:10 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली के लाल क़िले के पास हुए बम धमाके ने पूरे देश को दहला दिया, लेकिन इस हादसे ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के मंगरौला गांव में एक ऐसा ज़ख्म छोड़ दिया है जो कभी नहीं भरेगा। इस ब्लास्ट में 34 वर्षीय अशोक कुमार की मौत हो गई - वही अशोक, जो रोज़ की तरह बस कंडक्टर की ड्यूटी पूरी करके अपने बच्चों के लिए बिस्किट और दूध लेकर घर लौट रहे थे। लेकिन उस रात किस्मत ने उनके साथ नहीं दिया।
मां को नहीं बताया गया कि बेटा अब नहीं रहा
अशोक के पिता का निधन पहले ही हो चुका था। अब परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी और तीन छोटे बच्चे - दो बेटियां और एक बेटा - उनके सहारे ही जिंदगी काट रहे थे। गांव वालों का कहना है कि अशोक की मां की तबीयत कमजोर है, इसलिए उन्हें बेटे की मौत की जानकारी नहीं दी गई। परिजन सिर्फ इतना कह पाए हैं कि “धरमजी (अशोक) दिल्ली में काम पर हैं, थोड़े दिन में लौट आएंगे।”
गांव में पसरा सन्नाटा, हर आंख नम
मंगरौला गांव में मंगलवार की सुबह मातम में बदल गई। हर गली, हर घर में एक ही चर्चा — “अशोक नहीं रहा।” लोगों की भीड़ उनके घर के बाहर जुटी रही। महिलाएं रो-रोकर बेहोश हो रही थीं। किसी को यकीन नहीं कि जो हर शाम फोन कर हाल पूछता था, अब कभी आवाज़ नहीं देगा।
तीन बच्चों और मां का एकमात्र सहारा
अशोक दिल्ली में किराए के मकान में पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे। घर का सारा खर्च उनकी सैलरी से चलता था। रिश्तेदार बताते हैं - “वो बहुत मेहनती इंसान थे, जितना कमा सकते थे, सब घर भेजते थे। दो परिवारों की ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर थी।” उनकी मौत ने सिर्फ़ एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे गांव का सहारा छीन लिया है।
धमाके से ठीक पहले किया था आखिरी कॉल
परिवार वालों के मुताबिक, हादसे की रात अशोक ने घर फोन किया था - “बस कुछ ही देर में घर पहुंच रहा हूं, बच्चों के लिए बिस्किट और दूध ले लिया है।” कुछ मिनट बाद ही टीवी पर धमाके की खबर चली और सब कुछ खत्म हो गया।
जांच में जुटी पुलिस, दिल्ली बुलाया गया परिवार
दिल्ली पुलिस द्वारा मृतकों की सूची जारी होते ही अमरोहा पुलिस ने गांव पहुंचकर परिवार से पूछताछ की। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धमाके के वक्त अशोक किस रूट पर था और कैसे वहां पहुंचा। परिजनों को दिल्ली बुलाया गया है ताकि पोस्टमार्टम और आगे की औपचारिकताएं पूरी की जा सकें।
“सरकार मुआवज़ा दे, दोषियों को सज़ा मिले” — परिवार की मांग
अशोक के चचेरे भाई सोमपाल शर्मा ने कहा, “हमें टीवी से पता चला कि अमरोहा का एक व्यक्ति धमाके में मारा गया है। कुछ देर बाद पुलिस आई और नाम की पुष्टि की। यह बड़ी लापरवाही है। सरकार को चाहिए कि इस परिवार को मुआवज़ा दे और आतंकियों को सख़्त सज़ा दिलाए।” गांव के प्रधान ने भी कहा - “अशोक हमारे गांव का गर्व था। उसकी मेहनत और ईमानदारी की मिसाल दी जाती थी। अब वही परिवार बेबस है, जिसे उसने संभाला था।”
