''भाजपा भगवान राम की पुजारी नहीं व्यापारी है'', अयोध्या में हार के लिए कांग्रेस का BJP पर निशाना

punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2024 - 01:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क: फैजाबाद, जहां अयोध्या राम मंदिर स्थित है, से भाजपा उम्मीदवार की हार की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि पार्टी भगवान राम की 'पुजारी' नहीं बल्कि 'व्यापारी' है। 

प्रमोद तिवारी ने एएनआई से कहा, "अयोध्या को सबसे ज़्यादा समय दिया गया और इसे (बीजेपी द्वारा) सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया गया, लेकिन पीएम मोदी वहां (फैजाबाद) से अपने उम्मीदवार को नहीं जिता पाए। बीजेपी भगवान राम की 'व्यापारी' है, 'पुजारी' नहीं।" उत्तर प्रदेश के फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद से हार गए। प्रसाद को बीजेपी उम्मीदवार से 54,567 ज़्यादा वोट मिले।

एनडीए 303 सीटों से 240 सीटों पर आ गए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने अपने चुनावी भाषणों में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का ज़िक्र किया और विपक्षी नेताओं पर इसमें शामिल न होने के लिए हमला बोला।उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण समारोह में शामिल नहीं हुए। प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि एनडीए के अन्य दलों के उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के कारण नहीं जीते हैं। तिवारी ने कहा, "वे (एनडीए) 303 सीटों से 240 सीटों पर आ गए। एनडीए ने मोदी जी की वजह से सीटें नहीं जीतीं, बल्कि एनडीए की वजह से बीजेपी ने सीटें जीतीं।"

राम मंदिर मुद्दे ने भाजपा को युद्ध के मैदान उत्तर प्रदेश में राजनीतिक लाभ नहीं दिया, जहां 2019 में 62 सीटों से 2024 के चुनाव में इसकी संख्या घटकर 35 हो गई, जबकि 'इंडिया' गठबंधन ने 44 सीटें जीतीं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस जीत को 'इंडिया' गठबंधन की जनता द्वारा पसंद की गई जीत" बताया। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के लोगों के नाम एक नोट लिखा।

यह दलित-बहुजन समाज के विश्वास की जीत
उन्हें "यूपी के समझदार मतदाता" कहते हुए उन्होंने लिखा, "उत्तर प्रदेश में 'इंडिया' गठबंधन की जनता द्वारा पसंद की गई जीत। यह दलित-बहुजन समाज के विश्वास की भी जीत है, जिसने अपने पिछड़े, अल्पसंख्यक, आदिवासी और समाज के सभी उपेक्षित, शोषित और उत्पीड़ित वर्गों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ी है, जो समानता, सम्मान, स्वाभिमान, गरिमापूर्ण जीवन और आरक्षण का अधिकार देता है।" उन्होंने आगे कहा कि यह पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक-आदिवासी, आधी आबादी और सवर्णों में पिछड़ों के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के रूप में उस मजबूत गठबंधन की जीत है, जिसे हर समाज और वर्ग के लोगों ने अपने सहयोग और योगदान से और भी मजबूत बनाया है।


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Content Editor

rajesh kumar

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