भीमा कोरेगांव हिंसा: हाईकोर्ट ने एक्‍टिविस्‍ट वरवर राव की नजरबंदी तीन हफ्ते बढ़ाई

punjabkesari.in Thursday, Oct 25, 2018 - 08:02 PM (IST)

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में नजरबंद मानवाधिकार कार्यकर्ता वरवर राव की रिहाई के संबंध में हैदराबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुननाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वरवर राव की नजरबंद तीन हफ्तों के लिए बढ़ा दी है।

क्या है हाईकोर्ट का फैसला
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच पूरी करने की अवधि बढ़ाने के निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया था। राज्य सरकार की इस अपील पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट बुधवार को निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया था, जिसमें महाराष्ट्र  पुलिस को हिंसा के इस मामले में जांच पूरी करने और आरोप पत्र दायर करने के लिए अधिक समय दिया गया था। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है।

क्या है भीमा कोरगांव मामला
भीमा कोरेगांव महाराष्ट्र के पुणे जिले में है। इस छोटे से गांव से मराठा का इतिहास जुड़ा है। 200 साल पहले ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की बड़ी सेना को कोरेगांव में हरा दिया था। पेशवा की सेना की अगुवाई बाजीराव द्वितीय कर रहे थे। बाद में इस लड़ाई को दलितों के इतिहास में एक खास जगह मिल गई। डॉ. बी आर आंबेडकर को फॉलो करने वाले दलित इस लड़ाई को राष्ट्रवाद बनाम साम्राज्यवाद की लड़ाई नहीं करते हैं बल्कि दलित इस लड़ाई में अपनी जीत मानते हैं। उनके मुताबिक, इस लड़ाई में दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वाले पेशवा की हार हुई थी।

कैसे घटी घटना
साल 2018 इस युद्ध का 200वां साल था, ऐसे में इस बार यहां भारी संख्या में दलित समुदाय के लोग इकठ्ठा हुए थे। जश्न के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए थे। 


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Yaspal

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