कर्नाटक सरकार की जांच रिपोर्ट में खुलासा: RCB के समारोह में सुरक्षा प्रबंधों की बड़ी कमी, पुलिस अनुमति के बिना हुआ कार्यक्रम प्रचार
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 02:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क : बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के IPL 2025 की ट्रॉफी जीतने की खुशी में आयोजित समारोह के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। इस मामले में कर्नाटक सरकार ने अब हाई कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ मामले की स्टेटस रिपोर्ट में पूरी जिम्मेदारी RCB प्रबंधन पर डाली गई है। कोर्ट ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट में सामने आई मुख्य जानकारियों पर नजर डालते हैं।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
औपचारिक अनुमति नहीं ली गई: रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में कार्यक्रम के आयोजक DNA ने 2009 के सिटी ऑर्डर के नियमों के बावजूद पुलिस से औपचारिक अनुमति लिए बिना 3 जून को विक्ट्री परेड की सूचना दी थी। पुलिस ने अनुमति देने से इनकार किया था।
RCB ने पुलिस के इनकार को नजरअंदाज किया: रिपोर्ट में बताया गया है कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने पुलिस द्वारा कार्यक्रम की अनुमति न देने के बावजूद भी अपने समारोह का प्रचार जारी रखा। 4 जून को RCB ने सोशल मीडिया पर खुलकर निमंत्रण साझा किए, जिनमें कप्तान विराट कोहली का एक वीडियो अपील भी शामिल था। इस वीडियो में उन्होंने फैंस से मुफ्त प्रवेश वाले समारोह में भाग लेने का आग्रह किया था।
भारी भीड़ उमड़ी: रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोजन स्थल पर तीन लाख से अधिक लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई, जो आयोजकों की क्षमता से कहीं अधिक थी।
आखिरी समय में पास की घोषणा: आयोजन वाले दिन दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर अचानक पास की आवश्यकता की घोषणा की गई, जिससे लोगों में भ्रम और दहशत फैल गई।
खराब क्राउड मैनेजमेंट: RCB, DNA और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के बीच समन्वय की कमी के कारण एंट्री गेट पर बड़ी गड़बड़ी हुई और देर से गेट खुलने की वजह से भगदड़ भड़की। इस घटना में सात पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
सीमित कार्यक्रम की अनुमति: पुलिस ने अशांति को रोकने के लिए केवल नियंत्रित परिस्थितियों में सीमित कार्यक्रम की अनुमति दी थी।
घटना के बाद के कदम:
भगदड़ के बाद कर्नाटक सरकार ने मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच का आदेश दिया, एफआईआर दर्ज कराई, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव को निलंबित किया, राज्य खुफिया प्रमुख का ट्रांसफर किया और पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा की।