बलूचिस्तान ने तोड़ा पाकिस्तान से नाता, आजादी का किया ऐलान ! भारत-UN से मांगी मान्यता (Video)

punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 06:25 PM (IST)

Peshawar: बलूच नेताओं ने पाकिस्तान से आज़ादी की घोषणा कर दी है और भारत व संयुक्त राष्ट्र से औपचारिक मान्यता मांगी है। इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बलूचिस्तान का मुद्दा तेजी से वायरल हो गया। बलूच नेताओं की इस घोषणा से क्षेत्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। अब सबकी निगाहें भारत और संयुक्त राष्ट्र के अगले कदम पर हैं।

 POK छोड़ने की अपील
बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच और अन्य नेताओं ने बलूचिस्तान को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। उन्होंने भारत से अपील की है कि दिल्ली में बलूचिस्तान का दफ्तर और दूतावास खोलने की अनुमति दी जाए। मीर यार ने लिखा “चीन पाकिस्तान का साथ दे रहा है, लेकिन बलूचिस्तान की जनता भारत की सरकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी 60 लाख बलूच देशभक्त आपके साथ हैं, ।”14 मई को एक और पोस्ट में बलोच नेताओं ने यूएन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि पाकिस्तान “तुरंत PoK खाली करे”, नहीं तो 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों की कलंकित हार दुबारा होगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि “भारत पाकिस्तानी सेना को हराने में सक्षम है, और PoK को मानव ढाल न बनाने दें।”

 

मीर यार बलूच ने 9 मई को सोशल मीडिया पर लिखा था-"पाकिस्तान अब खत्म होने की कगार पर है। हमने अपनी आज़ादी घोषित कर दी है। हम भारत और संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की मांग करते हैं।"उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से मुद्रा, पासपोर्ट और अन्य संसाधनों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता भी मांगी।बलूचिस्तान के स्वतंत्र नक्शे और झंडों की तस्वीरें तेजी से शेयर की जा रही हैं। स्थानीय लोगों की तस्वीरें वायरल हैं, जिनमें वे भारत-बालोच दोस्ती के बैनर पकड़े हुए हैं। मीर यार बलूच ने कहा- "भारत अकेला नहीं है, उसे बलूचिस्तान के 6 करोड़ देशभक्तों का साथ है।"

 

 भारत से समर्थन की उम्मीद 
उन्होंने भारत के उस बयान का समर्थन किया जिसमें पाकिस्तान को POK खाली करने के लिए कहा गया था।उन्होंने लिखा-"अगर पाकिस्तान ने बात नहीं मानी तो उसके लालची सैन्य जनरलों को खून-खराबे के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।" यह सब उस समय हुआ है जब भारत ने हाल ही में "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और POK में आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।


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Content Writer

Tanuja

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