8 करोड़ लोगों की पहली पसंद ये है भारत की सबसे भरोसेमंद स्कीम! जानिए क्यों है बुढ़ापे में सबसे बड़ा सहारा?
punjabkesari.in Saturday, Jul 26, 2025 - 03:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार की अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) आज देश के करोड़ों लोगों के लिए बुढ़ापे की सबसे मजबूत आर्थिक ढाल बन चुकी है। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक इस योजना से 39 लाख नए लोग जुड़ चुके हैं और इसका कुल ग्राहक आधार 8 करोड़ को पार कर गया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
कब हुई शुरुआत, और क्या है योजना का मकसद
अटल पेंशन योजना को 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य देश में एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली तैयार करना था, जिससे विशेषकर गरीब, वंचित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा मिल सके। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें ग्राहक को एक निश्चित उम्र तक अंशदान करना होता है और फिर 60 वर्ष के बाद उन्हें मासिक पेंशन दी जाती है।
अब तक की उपलब्धियां
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वित्त वर्ष 2025-26 में 39 लाख से अधिक नए ग्राहक जुड़े।
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अब तक कुल 8 करोड़ भारतीय इस स्कीम का हिस्सा बन चुके हैं।
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योजना के अंतर्गत अब तक ₹45,974.67 करोड़ की राशि जुटाई जा चुकी है।
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महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है और अब लगभग 48 प्रतिशत ग्राहक महिलाएं हैं।
पेंशन योजना जो देती है 'सम्पूर्ण सुरक्षा कवच'
अटल पेंशन योजना को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह व्यक्ति और उसके परिवार को बुढ़ापे में एक पूर्ण सुरक्षा कवच (Complete Safety Net) प्रदान करे। इस योजना के तहत ग्राहक को 60 वर्ष की आयु के बाद ₹1,000 से ₹5,000 तक की गारंटीकृत मासिक पेंशन मिलती है, जो जीवन भर जारी रहती है। यदि ग्राहक की मृत्यु हो जाती है तो उनके जीवनसाथी को भी वही पेंशन मिलती रहती है, जिससे परिवार की आय में कोई बड़ी कमी नहीं आती। इतना ही नहीं, जब जीवनसाथी की भी मृत्यु हो जाती है, तब तक संचित राशि नामांकित व्यक्ति को लौटा दी जाती है, जिससे परिवार को आर्थिक सहारा मिल सके। यह व्यवस्था न केवल बुढ़ापे में व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि असमय मृत्यु की स्थिति में भी उसके परिवार को आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ
अटल पेंशन योजना उन भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है। हालांकि, इस योजना का लाभ आयकर देने वाले नागरिकों को नहीं मिलता, क्योंकि इसका उद्देश्य मुख्यतः आर्थिक रूप से कमजोर और असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। योजना में शामिल होने वाले ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार मासिक, त्रैमासिक या अर्धवार्षिक अंशदान कर सकते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि वे कम से कम 20 वर्षों तक नियमित अंशदान करें। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है, जो किसी स्थायी रोजगार या पेंशन योजना से नहीं जुड़े हैं और जिनके पास बुढ़ापे की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने का कोई ठोस साधन नहीं होता।
इतनी बड़ी सफलता कैसे मिली
सरकार की अटल पेंशन योजना की सफलता के पीछे कई पक्षों का संयुक्त योगदान है, जिसने इसे देश की सबसे भरोसेमंद सामाजिक सुरक्षा योजना बना दिया है। इस योजना के प्रचार-प्रसार में सभी बैंकों, डाक विभाग और अन्य एजेंसियों ने अहम भूमिका निभाई है। साथ ही, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने भी विशेष अभियान चलाकर योजना को जमीनी स्तर तक पहुँचाने का कार्य किया है। लोगों को बेहतर ढंग से समझाने और जागरूक करने के लिए बहुभाषी हैंडआउट्स, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और मीडिया अभियानों का सहारा लिया गया। इसके अलावा, नियमित समीक्षा और आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की भागीदारी को बढ़ावा दिया गया, जिससे योजना में विश्वास और भागीदारी दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
क्यों है यह योजना बुढ़ापे का सबसे बड़ा सहारा
देश के करोड़ों लोगों के पास न नौकरी की स्थिरता है न ही रिटायरमेंट के बाद की कोई योजना। ऐसे में अटल पेंशन योजना उन सभी के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन चुकी है।
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कम अंशदान में सुनिश्चित पेंशन
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परिवार को भी सुरक्षा
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सरकारी गारंटी
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सरल प्रक्रिया और न्यूनतम दस्तावेज़
इन सब विशेषताओं के कारण यह योजना खासतौर पर ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोगों में काफी लोकप्रिय हो गई है।
अटल पेंशन योजना से जुड़ना क्यों है फायदेमंद
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न्यूनतम अंशदान में स्थायी पेंशन
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जीवनसाथी और नामांकित व्यक्ति को भी लाभ
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बैंकों और डाकघरों से आसानी से आवेदन
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आर्थिक रूप से स्वतंत्र भविष्य