क्रिकेटर अंकित की मौत पर डॉक्टरों ने किए सवाल, कहा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 21, 2015 - 06:36 PM (IST)

नई दिल्ली.  मैच के दौरान कैच लेते समय साथी खिलाड़ी के टकराने की वजह से क्रिकेट खिलाड़ी अंतिक केसारी को सिर के पीछे गंभीर चोट लगाी थी। आपको बता दें कि ऐसी ही चोट ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप ह्यूज को सिर के पीछे हेल्मेट के नीचे लगी थी, कुछ वैसी ही चोट अंकित को भी लगी। सोमवार को अंकित को दिल का दौरा पडऩे के बाद मौत हो गई। 

बिना इलाज किए नर्सिग होम में शिफ्ट
अंकित की मौत पर आमरी हॉस्पिटल का बयान सामने आया है। बयान में कहा गया है कि अंकित केसरी को बिना पूरा इलाज कराए नर्सिंग होम में शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि इस बारे क्लब की ओर से मेडिकल लापरवाही की बात से इनकार किया गया है। 
 
17 अप्रैल को लगी थी चोट
अंकित केसरी को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के सीनियर वन-डे नॉक-आउट मैच के दौरान 17 अप्रैल को चोट लगी थी। हादसे के वक्त 20 साल के अंकित भवानीपुर क्लब के खिलाफ ईस्ट बंगाल की टीम की ओर से खेल रहे थे।
 
आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू 
अंकित की मौत के मामले में मेडिकल लापरवाही बरतने के सवाल पर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और क्लब के अधिकारियों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एक ओर आमरी के सीईओ रूपक बरुआ ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर अंकित का ठीक से इलाज करने के लिए अस्पताल को मौका क्यों नहीं दिया गया। वहीं ईस्ट बंगाल क्लब के वरिष्ठ अधिकारी सदानंद मुखर्जी का कहना है कि अस्पताल की ओर से अंकित की हालत स्थिर होने के बारे में आश्वस्त किया गया था। बता दें कि आमरी अस्पताल में मुखर्जी ने ही क्लब की ओर से बॉन्ड साइन किया था।
 
डॉक्टर का इलाज नहीं दिया नहीं करने दिया पूरा इलाज
अंकित का इलाज करने वाले डॉक्टरों की तरफ से कहा गया है कि हम अंकित के मामले में और जांच करना चाहते थे। सीटी एंजियो और अन्य टेस्ट करना चाहते थे लेकिन हमें उसके इलाज करने का मौका नहीं दिया गया। क्लब और परिवार के लोग रिस्क बॉन्ड पर साइन कर उसे ले गए थे। हमने उसके ब्रेन का सीटी स्कैन और 13 डोपलर्स किया था और आगे कई जांच करना चाहते थे। जो डॉक्टर अंकित का इलाज कर रहे थे उन्होंने बॉन्ड पर साइन करने वालों को बताया था कि मरीज की हालत थोड़ी-बहुत स्थिर है लेकिन उसे डिस्चार्ज नहीं किया जाना चाहिए जबकि ईस्ट बंगाल क्रिकेट क्लब की तरफ से ये सफाई दी जा रही है कि डॉक्टरों की रजामंदी और परिवार वालों की हामी के बाद ही अंकित को नर्सिंग होम में शिफ्ट किया गया था। अंकित के साथ किसने लापरवाही की इसका सच तो सामने आना ही चाहिए। मामले पर लीपापोती की बजाय मामले की जांच की जानी चाहिए ताकि अंकित के गुनहगार का नाम सामने आ सके।
 

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