अब दुश्मनों की खेर नहीं! भारत पहुंची अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप, जानें इसकी घातक क्षमताएं
punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 03:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय सेना को लंबे समय से जिस अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर का इंतजार था, वह अब खत्म हो गया है। अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है और इन्हें थलसेना में शामिल किया जाएगा। इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में तैनात किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी मोर्चे पर इनकी तैनाती से भारतीय सेना की मारक क्षमता और युद्धक्षेत्र में तेजी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता में कई गुना बढ़ोतरी होगी। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही अपाचे हेलीकॉप्टर मौजूद हैं, लेकिन अब यह उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर थलसेना के बेड़े में भी शामिल हो गया है।
नाइट विजन और एडवांस सेंसर से लैस
अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर नाइट विजन और थर्मल सेंसर से लैस है, जिससे यह खराब मौसम और रात में भी सटीक ऑपरेशन कर सकता है। इसमें लगे टारगेट एक्विजिशन सिस्टम और पायलट नाइट विजन सेंसर दुश्मन को सटीकता से पहचानने और निशाना बनाने में सक्षम हैं। यह 60 सेकंड में 128 गतिशील लक्ष्यों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर सकता है। हेलीकॉप्टर में लगा AN/APG-78 लॉन्गबो रडार और ज्वाइंट टैक्टिकल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (JTIDS) इसे डिजिटल कनेक्टिविटी और रियल टाइम डेटा शेयरिंग की क्षमता देता है। सीडीएल और केयू फ्रिक्वेंसी बैंड के जरिए भी यह उन्नत संचार की सुविधा प्रदान करता है।
जबरदस्त मारक क्षमता और आधुनिक हथियार प्रणाली
अपाचे हेलीकॉप्टर में AGM-114 हेलफायर मिसाइल सिस्टम लगा है, जो टैंक रोधी और लेजर-गाइडेड मिसाइलें दाग सकता है। यह बख्तरबंद वाहनों को आसानी से नष्ट कर सकता है। इसके अलावा हाइड्रा-70 रॉकेट जमीनी ठिकानों को तबाह करने में सक्षम हैं। हेलीकॉप्टर में लगी स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो हवाई खतरों से निपटने में मदद करती है। वहीं, स्पाइक NLOS मिसाइल लंबी दूरी की है और स्टैंड-ऑफ अटैक की क्षमता देती है। मल्टी-टारगेटिंग फीचर के जरिए यह हेलीकॉप्टर एक मिनट में 16 लक्ष्यों पर एक साथ हमला कर सकता है।
रफ्तार और रेंज
अपाचे की अधिकतम रफ्तार 280 से 365 किमी प्रति घंटा है। इसका ऑपरेशनल रेंज 480 से 500 किमी है, जिसे बाहरी ईंधन टैंक के साथ और बढ़ाया जा सकता है। यह एक बार उड़ान भरने के बाद 3 से 3.5 घंटे तक हवा में रह सकता है। यह हेलीकॉप्टर जटिल और प्रतिस्पर्धी युद्धक्षेत्र में हावी होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह MQ-1C ग्रे ईगल जैसे ड्रोन को नियंत्रित कर सकता है, जिससे निगरानी और लक्ष्य भेदने में मदद मिलती है। अपाचे सेना के स्ट्राइक कोर को युद्ध में सीधा समर्थन देने की क्षमता रखता है और टोही मिशन में भी उपयोगी है।
डिजाइन और सुरक्षा
इसका डिजाइन दो पायलटों के लिए तैयार किया गया है – एक पायलट उड़ान नियंत्रित करता है और दूसरा हथियारों का संचालन करता है। इसका बेसिक वजन 6,838 किग्रा और अधिकतम टेकऑफ वजन 10,433 किग्रा है। इसे बैलिस्टिक मिसाइलों और छोटे हथियारों के हमलों से बचाव के लिहाज से तैयार किया गया है। खराब मौसम और रात के समय भी यह हेलीकॉप्टर पूरी तरह ऑपरेशनल रहता है, जिससे भारतीय सेना को हर परिस्थिति में लड़ने की नई ताकत मिलेगी।