सिख रीति रिवाज से शादी को वैधानिक मान्यता देने वाला आनंद विवाह अधिनियम जम्मू-कश्मीर में लागू

punjabkesari.in Wednesday, Dec 13, 2023 - 05:29 PM (IST)

जम्मू: आनंद विवाह अधिनियम के तहत विवाह के पंजीकरण के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा विस्तृत नियम बनाकर लागू किये गये हैं जो सिख रीति रिवाज से किये गये विवाहों को वैधानिक मान्यता प्रदान करते हैं। इसी के साथ उनकी हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह न करने की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है।

एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, ‘आनंद कारज’ के पंजीकरण के लिए ‘जम्मू और कश्मीर आनंद विवाह पंजीकरण नियम, 2023’ तैयार किया गया है। इसके तहत संबंधित तहसीलदार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर के ऐसे विवाहों का पंजीकरण करेंगे।

कानून, न्याय और संसदीय मामलों के विभाग द्वारा 30 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सिख जोड़े अपनी शादी के बाद तीन महीने की अवधि में पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद औपचारिकताएं पूरी होने पर उन्हें विलंब शुल्क का सामना करना होगा।
 
जम्मू के जिला गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के उपाध्यक्ष बलविंदर ने बताया, “यह लंबे समय से लंबित मांग थी और हम अपना वादा निभाने के लिए उपराज्यपाल के आभारी हैं।” उन्होंने कहा कि आनंद विवाह अधिनियम के लागू होने से समुदाय के लोग खुश हैं क्योंकि वे “एक अलग सिख विवाह अधिनियम की अनुपलब्धता के कारण पहचान के संकट का सामना कर रहे थे”।

आनंद विवाह अधिनियम 1909 में ‘ब्रिटिश इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल’ ने सिख विवाह समारोह ‘आनंद कारज’ को मान्यता देने के लिए बनाया था। 2012 में, संसद ने आनंद विवाह (संशोधन) विधेयक पारित किया, जिससे सिख पारंपरिक विवाह को कानूनी मान्यता के दायरे में लाया गया। केंद्र सरकार ने संशोधनों को मंजूरी दे दी है, लेकिन आनंद कारज के पंजीकरण के लिए संबंधित नियम बनाने का काम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ दिया गया है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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