यह व्यक्ति मेरा पति! इस राज्य में लड़की करती है अपनी मर्जी से शादी, पुरुष नहीं कर सकता मना, अगर कर दे इनकार तो...

punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 03:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क। रांची के व्यवसायी बुधन सिंह पूर्ति ने झारखंड के आदिवासी समाज की एक बेहद अनोखी और सदियों पुरानी परंपरा के बारे में जानकारी दी है जो महिलाओं को असाधारण अधिकार और सम्मान देती है। यह परंपरा महिलाओं को वर (पति) चुनने की पूरी आज़ादी देती है और पुरुष के पास उन्हें मना करने का कोई हक नहीं होता। श्री बुधन सिंह पूर्ति के अनुसार उनके समाज में महिलाओं को "देवी का दर्जा" दिया जाता है और उनकी आंतरिक इच्छाओं का अत्यधिक सम्मान किया जाता है।

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महिलाओं को वर चुनने का विशेष अधिकार

बुधन सिंह बताते हैं कि यह परंपरा महिलाओं को अपने मन मुताबिक जीवनसाथी चुनने की पूरी शक्ति देती है। अगर कोई महिला किसी के भी घर में घुसकर बोल दे कि यह व्यक्ति मेरा पति है भले ही आदमी इस महिला को नहीं जानता हो तो भी आपको उस महिला से शादी करनी ही होगी। पुरुष मना नहीं कर सकता क्योंकि पूरा समाज इस महिला के साथ खड़ा रहता है और पंचायत हमेशा महिला के पक्ष में फैसला सुनाती है।

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मना करने पर 50% संपत्ति का अधिकार

यदि किसी कारणवश पुरुष इस महिला से शादी करने से मना कर देता है तो उस स्थिति में महिला को एक बड़ा अधिकार मिलता है। जैसे कि अगर मान लीजिए कि पुरुष मना कर देता है तो फिर महिला को पुरुष की प्रॉपर्टी का पूरा का पूरा 50% हिस्सा दिया जाएगा। महिला पूरे सम्मान के साथ उसी घर में रहेगी। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है जहां 50% हिस्सा महिला को मिलकर ही रहता है।

 

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अलग रहने पर भी घर से नहीं निकाल सकते

अगर पुरुष फिर भी शादी या साथ रहने के लिए राज़ी न हो तो भी महिला को घर से बाहर नहीं निकाला जा सकता। उसी घर में महिला को एक अलग कमरा दे दिया जाता है जहां वह आराम से अपना जीवन व्यतीत कर सकती है। पुरुष भी अलग कमरे में रहता है लेकिन महिला को घर से कोई नहीं हटा सकता है।

इस प्रकार आदिवासी समाज में महिलाओं को वर चुनने के मामले में इतनी आज़ादी और इज़्ज़त दी गई है क्योंकि उन्हें ईश्वर के आदेश या मन की इच्छा का प्रतीक माना जाता है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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