Child Marriage: यहां होते हैं सबसे ज्यादा बाल विवाह, जानें क्यों नहीं लग रही रोकथाम

punjabkesari.in Sunday, Dec 21, 2025 - 10:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 2025 में भी बाल विवाह दुनिया के सामने खड़ी सबसे गंभीर मानवाधिकार चुनौतियों में से एक बना हुआ है। भले ही कई देशों ने इसे खत्म करने के लिए सख्त कानून और सामाजिक सुधार लागू किए हों, लेकिन इसके बावजूद हर साल लाखों बच्चों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। सवाल यह है कि आखिर वह कौन सा देश है, जहां आज भी बाल विवाह सबसे ज्यादा होते हैं?

दुनिया में सबसे ज्यादा बाल विवाह कहां?

2025 के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, नाइजर बाल विवाह के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है। यहां करीब 76% लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है, जबकि लगभग 28% लड़कियां 15 साल की उम्र से पहले ही विवाह के बंधन में बंध जाती हैं। माराडी जैसे कुछ इलाकों में हालात और भी भयावह हैं, जहां बाल विवाह की दर 89% तक पहुंच चुकी है। इसकी एक बड़ी वजह देश का कानूनी ढांचा है, जहां लड़कों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय है, जबकि लड़कियों के लिए यह सीमा सिर्फ 15 साल रखी गई है।

नाइजर में बाल विवाह क्यों है इतनी बड़ी समस्या?

गहरी गरीबी नाइजर और अन्य कई अफ्रीकी देशों में बाल विवाह को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा कारण मानी जाती है। जीवनयापन के लिए जूझ रहे परिवार कम उम्र में शादी को आर्थिक बोझ घटाने या दहेज से जुड़े फायदे के रूप में देखते हैं। इसके साथ ही शिक्षा की सीमित पहुंच हालात को और खराब कर देती है, क्योंकि जो लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं, उनकी कम उम्र में शादी होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

नाइजर के बाद कौन से देश हैं आगे?

नाइजर के अलावा सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड और माली जैसे देशों में भी बाल विवाह की दर बेहद ऊंची है। सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में यह दर करीब 68% है, चाड में 67% और माली में लगभग 54% तक बताई गई है।

भारत की स्थिति क्या कहती है?

जहां नाइजर प्रतिशत के लिहाज से सबसे आगे है, वहीं भारत का रिकॉर्ड अलग लेकिन उतना ही चिंताजनक है। विशाल आबादी के कारण भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा बाल वधुएं रहती हैं। 2025 तक अनुमान है कि भारत में करीब 22.24 करोड़ महिलाओं की शादी 18 साल से पहले हो चुकी है। आसान शब्दों में कहें तो दुनिया की हर तीन बाल वधुओं में से एक भारत में रहती है, जो इस समस्या की गंभीरता को साफ दिखाता है।


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News Editor

Parveen Kumar

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