बांग्लादेश में जारी तनाव के बीच S Jaishankar ने मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से की मुलाकात, जानें क्यों

punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2024 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को यहां मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की और दोनों देशों के लोगों के लाभ व क्षेत्रीय समृद्धि के लिए भारत-मालदीव के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। जयशंकर मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। पिछले साल चीन समर्थक मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद यह भारत की ओर से मालदीव की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक की तस्वीर साझा करते हुए ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर गौरवान्वित महसूस किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाएं प्रेषित की। हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।''

इससे पहले, जून में मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की थी। इससे पहले, जयशंकर ने मालदीव के रक्षा मंत्री ग़सान मौमून से मुलाकात की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग व मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने से संबंधित "साझा हितों" पर चर्चा की। भारत और मालदीव के बीच संबंध नवंबर 2023 में चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद तनावपूर्ण हो गए थे।

मुइज्जू ने पीएम को कहा धन्यवाद
मुइज्जू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मालदीव को उदारतापूर्वक व निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत सरकार और भारत के मित्रवत लोगों का आभार व्यक्त किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यहां मुइज्जू से मुलाकात कर दोनों देशों की जनता और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को मजबूत बनाने की नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई। जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से प्रगाढ़ बनाने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। पिछले साल चीन समर्थक मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद यह भारत की ओर से मालदीव की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।

शपथ लेने के कुछ ही घंटों के अंदर उन्होंने मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस भेजने का फैसला किया था। इसके बाद, पारस्परिक रूप से तय तिथि 10 मई तक भारतीय सैन्य कर्मियों को हटा दिया गया था। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख पड़ोसी देशों में से एक है और पिछली सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा व सुरक्षा संबंध स्थापित हुए थे।

 


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Content Writer

Yaspal

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