बैंकिंग सिस्टम की बड़ी चूक- कंज्यूमर की 11 लाख की FD गायब! 9 साल बाद याद आया तो देने पड़े 24,84,162 रुपये
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 06:39 PM (IST)
नेशनल डेस्क: आगरा में एक बैंकिंग चूक ने एक परिवार की विश्वास और जमा राशि दोनों को चुनौती दी। राजस्थान के कोटा जिले के श्रीनाथ पुरम नीलांचल अपार्टमेंट निवासी रोहित जौहरी और उनकी पत्नी शिखा जौहरी ने 2010 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की सिकंदरा शाखा में अपनी बचत के तौर पर तीन फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के माध्यम से कुल 11 लाख रुपये जमा किए। उनकी धारणा थी कि यह रकम सुरक्षित है, और उन्हें एफडी का प्रमाणपत्र भी मिल गया था। लेकिन सालों बाद जब उन्हें पैसों की जरूरत पड़ी, तो बैंक की ओर से उन्हें यह आश्चर्यजनक खबर मिली कि उनके नाम से कोई एफडी दर्ज नहीं है।
कैशियर की चूक और बैंक की लापरवाही
रुपये जमा कराने के बावजूद बैंक के कैशियर ने एफडी की प्रविष्टि बैंक सिस्टम में नहीं कराई। जब वादी ने सितंबर 2014 में पैसों की आवश्यकता पाई और बैंक शाखा प्रबंधक से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि उनके नाम की कोई जमा राशि रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है। इससे परिवार के सदस्यों के होश उड़ गए और कई बार बैंक के चक्कर लगाने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल पाया।
आयोग ने सुनाया फैसला: ब्याज समेत 24.84 लाख का भुगतान
न्याय की उम्मीद में दंपति ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम में वाद दायर किया। आयोग के अध्यक्ष सर्वेश कुमार ने मामले की पूरी जांच की और पाया कि बैंक के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एफडी दर्ज नहीं हुई। आयोग ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को आदेश दिया कि वे 6 प्रतिशत ब्याज सहित कुल 24,84,162 रुपये का भुगतान वादी को करें। इस फैसले के तहत 17 नवंबर को रोहित जौहरी को चेक सौंपा गया।
