PPF vs FD: जानें कौन देगा ज़्यादा रिटर्न? 1.5 लाख का करें निवेश फिर 15 साल बाद इस स्कीम से बन जाएं लखपति
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 02:38 PM (IST)
नेशनल डेस्क। हर महीने मिलने वाली सैलरी को सही जगह निवेश करना वित्तीय सुरक्षा (Financial Security) के लिए बेहद ज़रूरी है। निवेश के विकल्पों में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दो सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं लेकिन अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इन दोनों में से कौन सा विकल्प आपको ज़्यादा फायदा देगा? आइए ₹1.5 लाख के सालाना निवेश को 15 साल तक चलाने पर मिलने वाले रिटर्न की आसान कैलकुलेशन को समझते हैं।
PPF: सुरक्षा, उच्च रिटर्न और टैक्स फ्री लाभ
पीपीएफ भारत सरकार की एक सुरक्षित स्कीम है जो लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प मानी जाती है।
PPF में 15 साल बाद का कैलकुलेशन:
| विवरण | राशि/दर |
| सालाना निवेश | ₹1,50,000 |
| निवेश की अवधि | 15 साल |
| कुल अपनी जमा राशि | ₹22.5 लाख |
| वर्तमान ब्याज दर | 7.1% (ब्याज दर बदल सकती है) |
| 15 साल बाद कुल कॉर्पस (अनुमानित) | ₹42.7 लाख |
| कुल मुनाफा | ₹20.2 लाख (पूरी तरह टैक्स-फ्री) |
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टैक्स लाभ (Tax Benefit): पीपीएफ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका रिटर्न पूरी तरह से टैक्स-फ्री होता है (EEE श्रेणी: निवेश, ब्याज, और निकासी तीनों पर टैक्स छूट)।
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दोगुने से ज़्यादा मुनाफा: 7.1% की कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) के कारण 15 साल में आपकी मूल जमा राशि ₹22.5 लाख बढ़कर लगभग ₹42.7 लाख हो जाएगी यानी आपका पैसा दोगुने से ज़्यादा हो जाता है।
PPF का अतिरिक्त लाभ: विस्तार का विकल्प
पीपीएफ की मैच्योरिटी (15 साल) के बाद आप इसे 5-5 साल के लिए आसानी से बढ़ा सकते हैं। यदि आप 15 साल के बाद सिर्फ 5 साल और विस्तार करते हैं (बिना कोई नया निवेश किए):
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20 साल बाद कुल कॉर्पस (अनुमानित): लगभग ₹57-58 लाख।
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अतिरिक्त मुनाफा: बिना कुछ डाले सिर्फ 5 साल में ₹15-16 लाख का और टैक्स-फ्री मुनाफा मिलता है।
FD: गारंटीड रिटर्न, मगर टैक्स की मार
बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी एक सुरक्षित निवेश विकल्प है लेकिन लंबी अवधि में यह पीपीएफ से कम आकर्षक साबित होता है खासकर टैक्स-पश्चात रिटर्न के मामले में।
FD में 15 साल बाद का कैलकुलेशन:
| विवरण | राशि/दर |
| सालाना निवेश | ₹1,50,000 |
| निवेश की अवधि | 15 साल |
| कुल अपनी जमा राशि | ₹22.5 लाख |
| अनुमानित ब्याज दर | 7% |
| 15 साल बाद कुल कॉर्पस (अनुमानित) | ₹35-36 लाख |
| कुल मुनाफा | ₹13-14 लाख |
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टैक्स का प्रभाव: एफडी से होने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है। यदि आप 30% के टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो ₹13-14 लाख का मुनाफा टैक्स कटने के बाद केवल ₹9-10 लाख के आसपास रह जाएगा।
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नेट रिटर्न तुलना: जहां पीपीएफ में आपको ₹20.2 लाख का मुनाफा पूरा मिल रहा है वहीं एफडी में आपको टैक्स काटने के बाद लगभग ₹9-10 लाख ही मिलेंगे।
निवेश का अंतिम फैसला: कब क्या चुनें?
| पैरामीटर | PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) | FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) |
| उपयुक्त अवधि | लंबी अवधि (15 साल+) - बच्चों की पढ़ाई, रिटायरमेंट। | छोटी से मध्यम अवधि (3-5 साल)। |
| टैक्स स्टेटस | पूरी तरह टैक्स-फ्री (EEE) | ब्याज पर टैक्स लगता है (आय में जोड़ा जाता है)। |
| लॉक-इन | 15 साल तक लॉक-इन रहता है। (आंशिक निकासी/लोन सुविधा उपलब्ध)। | सुविधाजनक अवधि के लिए। |
| विशेष स्थिति | लंबी अवधि का लक्ष्य रखने वालों के लिए सर्वोत्तम। | सीनियर सिटीजन (जिन्हें मासिक ब्याज आय चाहिए) के लिए अच्छा। |
यदि आपका लक्ष्य 15 साल या उससे अधिक का है तो पीपीएफ अपनी टैक्स-फ्री स्थिति और बेहतर कंपाउंडिंग के कारण एफडी से कहीं बेहतर और अधिक मुनाफा देने वाला विकल्प है।



