ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, पाकिस्तान भेजे 2100 भारतीय, जानिए इसकी पीछे की बड़ी वजह
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 04:41 PM (IST)
नेशनल डेस्क : आज गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती के अवसर पर भारतीय सिख श्रद्धालुओं ने पहली बार ऑपरेशन सिंदूर के बाद अटारी-वाघा बॉर्डर पार किया। मंगलवार, 4 नवंबर 2025 को करीब 2,100 सिख तीर्थयात्री वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश हुए। ये श्रद्धालु गुरु नानक देव जी की जयंती के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए गए हैं।
पाकिस्तान ने 2,150 भारतीय सिखों को वीजा जारी किया
पाकिस्तान सरकार ने इस अवसर के लिए 2,150 भारतीय सिखों को वीजा जारी किया। इस दौरान भारत से प्रमुख सिख नेता जैसे ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज, बीबी गुरिंदर कौर, और रविंदर सिंह स्वीटा भी पाकिस्तान पहुंचे। वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से ETPB प्रमुख साजिद महमूद चौहान, पंजाब अल्पसंख्यक मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा और अन्य अधिकारी भारतीय तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।
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तीर्थयात्रियों का कार्यक्रम
- तीर्थयात्री विशेष बसों के माध्यम से ननकाना साहिब गुरुद्वारा पहुंचे, जो लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है।
- गुरु नानक देव जी की जयंती का मुख्य समारोह 5 नवंबर 2025 को ननकाना साहिब में आयोजित होगा।
- अपने 10-दिवसीय प्रवास में तीर्थयात्री पंजा साहिब, गुरुद्वारा सच्चा सौदा-फारूखाबाद और गुरुद्वारा दरबार साहिब-करतारपुर का भी दौरा करेंगे।
- तीर्थयात्री 13 नवंबर को भारत लौटेंगे।
सुरक्षा और तैयारियां
पाकिस्तान ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। सभी गुरुद्वारों और एंट्री प्वाइंट्स पर पुलिस, रेंजर्स, विशेष बल और ETPB की सुरक्षा टीम तैनात की गई है। जन्मस्थान और करतारपुर साहिब सहित सभी गुरुद्वारों को लाइट और सजावट से तैयार किया गया है। इसके अलावा चिकित्सा सहायता और रेस्क्यू टीमें भी मौजूद हैं।
मई 2025 में हुआ था पहलगाम आतंकी हमला
मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा था। दोनों देशों ने मई से कई संपर्कों को रोका और हवाई मार्ग पर भी प्रतिबंध लगाए। इसके बावजूद गुरु नानक जयंती के अवसर पर तीर्थयात्रियों की यात्रा सुरक्षित रूप से संपन्न हुई। यह यात्रा दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है और सिख समुदाय के लिए ऐतिहासिक अवसर है।
