इस राज्य सरकार का बड़ा फैसला: अब गायों की भी लगेगी E-Attendance, जानें कैसे काम करेगी खास माइक्रो चिप

punjabkesari.in Sunday, Nov 02, 2025 - 04:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश सरकार अब पशुपालन के क्षेत्र में एक बड़ी तकनीकी पहल करने जा रही है। जिस तरह स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में ई-अटेंडेंस लगाई जाती है, उसी तर्ज पर अब राज्य की गायों की भी डिजिटल हाजिरी दर्ज की जाएगी। इसके लिए सरकार ने एक खास माइक्रो-चिप प्रणाली तैयार की है, जिसे हर गाय के शरीर में लगाया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य है पारदर्शिता लाना, गौशालाओं में फर्जीवाड़े को रोकना और हर गाय का सटीक रिकॉर्ड बनाए रखना।

क्या है सरकार की नई योजना?
राज्य के पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने एक विस्तृत योजना तैयार की है जिसके तहत करीब साढ़े चार लाख गायों के शरीर में माइक्रो-चिप लगाई जाएगी। यह चिप इंजेक्शन के माध्यम से गाय के कंधे पर डाली जाएगी, और इसमें गाय से जुड़ी पूरी जानकारी दर्ज होगी-
➤ गाय की नस्ल
➤ उम्र और स्वास्थ्य स्थिति
➤ गर्भावस्था से जुड़ी जानकारी
➤ दूध उत्पादन की क्षमता
➤ गौशाला में आने की तारीख और रिकॉर्ड
➤ इस डेटा के आधार पर सरकार यह देख सकेगी कि किस दिन कौन-सी गाय मौजूद थी, गाय की सेहत कैसी है, और कहीं कोई गाय लापता तो नहीं हो गई।


कैसे करेगी काम यह माइक्रो चिप?
➤ यह माइक्रो-चिप पूरी तरह सुरक्षित बताई जा रही है और इससे जानवरों को कोई नुकसान नहीं होगा। हर गौशाला संचालक को एक हैंडहेल्ड डिवाइस दी जाएगी जिसके माध्यम से वे रोजाना गायों को स्कैन करेंगे।
➤ जैसे ही स्कैन किया जाएगा, गाय का पूरा डेटा अपने आप सरकारी सॉफ्टवेयर में अपलोड हो जाएगा।
➤ यह डेटा ऑनलाइन रिकॉर्ड सिस्टम में सुरक्षित रहेगा और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। इससे पूरे सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहेगी।


पुराने पीले टैग की जगह अब माइक्रो चिप
पहले गायों के कानों में पीले टैग लगाए जाते थे, जिन्हें आसानी से हटाया या बदला जा सकता था। इसी कारण कुछ गौशालाओं में फर्जीवाड़े की शिकायतें आती थीं: 
➤ कई बार गायों की संख्या बढ़ाकर सरकारी अनुदान का गलत फायदा उठाया जाता था।
➤ कुछ मामलों में दुधारू गायों को मृत दिखाकर बीमा राशि तक ले ली जाती थी।
➤ अब इस नई प्रणाली के बाद हर गाय का स्थायी और सटीक रिकॉर्ड बनेगा, जिससे ऐसी गड़बड़ियों पर रोक लगेगी।


मंत्री और विशेषज्ञों की राय
मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने कहा कि यह पहल राज्य में गौ-प्रबंधन के डिजिटलीकरण की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले कुछ दिनों में इसे पूरे प्रदेश की गौशालाओं में लागू किया जाएगा। गौ-संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया। उन्होंने कहा — “पहले स्कूलों में रजिस्टर में हाजिरी लगती थी, अब गायों की अटेंडेंस डिजिटल रूप में लगेगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।”

गौशालाओं को दोगुना अनुदान
सरकार ने गौशालाओं के लिए आर्थिक सहायता भी बढ़ा दी है। अब प्रति गाय अनुदान राशि 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है। इससे राज्य सरकार पर सालाना लगभग 450 करोड़ रुपए का व्यय आएगा।


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Content Editor

Mansa Devi

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