पुतिन से मीटिंग के बाद किम जोंग उन की टीम ने मिटाए सारे सबूत, कुर्सी, टेबल, गिलास सब कुछ पोंछा, पैर पोंछने वाला टिशू तक नहीं छोड़ा! Video Viral
punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 06:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की मुलाकात के बाद एक हैरानीजनक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में किम जोंग उन का स्टाफ उनकी मौजूदगी के हर निशान को मिटाते हुए दिख रहा है। किम जोंग जिस कुर्सी पर किम बैठे थे, उसके आर्मरेस्ट और गद्दी से लेकर टेबल तक को बहुत ध्यान से पोंछा गया। यहां तक कि उनका इस्तेमाल किया हुआ गिलास भी एक खास ट्रे में रखकर ले जाया गया। रूसी पत्रकार ने अपने चैनल पर बताया कि मीटिंग खत्म होने के बाद किम के साथ आए लोगों ने उनकी मौजूदगी के सभी निशान बहुत सावधानी से मिटा दिए।
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The staff accompanying the North Korean leader meticulously erased all traces of Kim's presence.
— Russian Market (@runews) September 3, 2025
They took the glass he drank from, wiped down the chair's upholstery, and cleaned the parts of the furniture the Korean leader had touched. pic.twitter.com/JOXVxg04Ym
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सुरक्षा को लेकर क्यों हैं इतने सतर्क?
इस तरह की 'जासूसी' वाली सफाई के पीछे की वजह साफ नहीं है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह कदम रूस और चीन की खुफिया एजेंसियों की निगरानी से बचने के लिए उठाया गया होगा, ताकि कोई भी उनके डीएनए या सेहत से जुड़ी जानकारी न निकाल सके। माना जाता है कि किम अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जो अपने जैविक निशानों को लेकर इतने ज्यादा सतर्क रहते हैं।
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पुतिन भी अपने डीएनए की सुरक्षा करते हैं
रिपोर्ट्स के अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी विदेश यात्राओं के दौरान अपने डीएनए को सुरक्षित रखने के लिए कड़े कदम उठाते हैं। कहा जाता है कि उनके बॉडीगार्ड उनके मल-मूत्र को भी खास बैग में भरकर वापस मॉस्को ले जाते हैं, ताकि कोई दुश्मन देश उनकी सेहत के बारे में पता न लगा सके। यह प्रक्रिया 2017 से लागू बताई जाती है।
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रूस और उत्तर कोरिया में बढ़ी करीबी
इस मुलाकात के दौरान, किम जोंग उन ने पुतिन को हर संभव मदद का भरोसा दिया। दोनों नेताओं ने चाय पर अनौपचारिक बातचीत भी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर कोरिया ने रूस-यूक्रेन युद्ध में अपने सैनिक भी भेजे हैं, जिनमें से लगभग 2,000 की मौत हो चुकी है। यह यात्रा कोरोना महामारी के बाद किम की पहली चीन यात्रा थी, जहां उन्हें पुतिन और शी जिनपिंग समेत 20 से ज्यादा देशों के नेताओं से मिलने का मौका मिला। 2024 में हुई रक्षा संधि के बाद रूस और उत्तर कोरिया के संबंध दशकों में सबसे मजबूत माने जा रहे हैं।