Expressway पर खड़ी कार के अंदर मैरिड कपल का Intimate का Video Viral! खुलेआम कर रहा था Kiss, जिसके बाद अब...
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 03:10 PM (IST)
नेशनल डेस्क। सुल्तानपुर के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर खड़ी कार के अंदर कपल के निजी पलों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने के गंभीर आरोपों से घिरे एटीएमएस (ATMS) में तैनात रहे असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज से कपल की निजता भंग की, वीडियो रिकॉर्ड किया, ब्लैकमेल किया और 32 हजार रुपये वसूले। हालांकि आशुतोष ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बिल्कुल अलग कहानी सुनाई है।
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आशुतोष का सीधा आरोप: 'यह मुझे हटाने की साज़िश है'
आशुतोष का दावा है कि वायरल वीडियो जिस दिन का है उस दिन वह ड्यूटी पर थे ही नहीं। आशुतोष ने सीधा आरोप लगाया कि उनके विभाग के दो-तीन साथी थे उन्हीं के द्वारा यह वीडियो वायरल किया गया और पूरा दोष मुझ पर डाल दिया गया है। उनका कहना है कि उन्हें हटाने की कवायद पहले से चल रही थी और यह पूरा खेल उसी का हिस्सा है। लोकल लॉबी नहीं चाहती कि वह यहां रहें और वही लोग पूरे मामले को मोड़कर उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

ब्लैकमेलिंग और धमकी के आरोपों पर सफाई
आशुतोष ने दावा किया कि पीड़ित परिवार ने पुलिस को दी शिकायत में पैसे लेने या किसी तरह की धमकी दिए जाने से साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि शिकायत करने वाले वे स्थानीय लड़के हैं जो लंबे समय से उन्हें हटाने की कोशिश कर रहे थे। आशुतोष के अनुसार यह पूरा मामला पीड़ित कपल के नाम से आगे बढ़ाया गया लेकिन पृष्ठभूमि में वह लोग थे जिनके हित उनके बने रहने से प्रभावित होते थे।
ज़ूमिंग (Zooming) हमारी ड्यूटी का हिस्सा है
कपल के रोमांस वाले वीडियो के ज़ूम फुटेज पर आशुतोष ने कहा कि यह एटीएमएस की मानक प्रणाली (Standard Operating Procedure - SOP) का हिस्सा है। अगर कोई गाड़ी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कहीं भी खड़ी मिलती है तो उसे ज़ूम करके देखा जाता है कि कहीं कोई दिक्कत, खराबी या मेडिकल इमरजेंसी तो नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ज़ूमिंग हमारी ड्यूटी का हिस्सा है न कि किसी की प्राइवेसी में झांकने का तरीका।

FIR, टर्मिनेशन और बैकडेटिंग का मोड़
आशुतोष पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 308(2) के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। एटीएमएस का संचालन करने वाली कंपनी ने भी उन्हें टर्मिनेट कर दिया लेकिन यहां भी एक दिलचस्प मोड़ सामने आया है। जांच में पता चला है कि कंपनी ने बैकडेट (Backdate) में टर्मिनेशन दिखाया है—दस्तावेज़ों में तारीख 30 नवंबर दर्ज की गई जबकि पीड़ितों ने शिकायत 2 दिसंबर को की थी। यह पूरा मामला 08 दिसंबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक शिकायती पत्र से सामने आया जिसमें उन पर महिलाओं पर नज़र रखने, निजी पलों के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने और यहाँ तक कि सर्विस लेन में गांवों की गतिविधियां देखने का भी आरोप था। आशुतोष जो खुद को बेदाग छवि वाला कर्मचारी बताते हैं ने दावा किया है कि वह पूरे मामले से जुड़े ठोस सबूत जल्द ही सौंप देंगे।
