अब सूरज की ओर भारत की बड़ी छलांग, ISRO ने किया टाइम का ऐलान...जानिए कितने बजे लॉन्च होगा ‘आदित्य-L1

punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2023 - 04:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब भारत की नजर सूरज पर लंबी छलांग लगाने की तरफ है। मिशन आदित्य L1 की लॉन्चिंग को लेकर समय का ऐलान कर दिया गया है। भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISRO) ने बताया कि पहला आदित्य L1 सौर मिशन 2 सितंबर को सुबह 11.50 पर लॉन्च किया जाएगा। इसरो की तरफ से ट्वीट किया गया कि सौर मिशन का प्रक्षेपण 2 सितंबर 2023 को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा से होगा।

 

इसरो ने कहा, "सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-L1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर, 2023 को 11:50 बजे IST श्रीहरिकोटा से निर्धारित है। इसरो ने नागरिकों को https://lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION/index.jsp पर पंजीकरण करके श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से आदित्य L1 की लॉन्चिंग देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।

PunjabKesari

 L1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर

इस अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और L1  (सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु) पर सौर वायु के यथास्थिति अवलोकन के लिए तैयार किया गया है। L1  पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया मंच पर बताया कि सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है। यह अंतरिक्ष यान सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन करने में मदद करेंगे। इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि आदित्य-L1 पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी है।

 

आदित्य L1 उड़ान भरने को तैयार

इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ  ने कहा,‘‘आदित्य एल1 उपग्रह तैयार है। यह श्रीहरिकोटा पहुंच गया है और PSLV से जुड़ गया है। इसरो और देश का अगला लक्ष्य इसका प्रक्षेपण है। प्रक्षेपण 2 सितंबर को होगा।'' उन्होंने बताया कि प्रक्षेपण के बाद आदित्य एल1 अण्डाकार कक्षा में जाकर 120 दिनों में अपने निर्धारित बिंदु तक पहुंचेगा। इसरो चीफ ने बताया कि आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला होगी और इस मिशन से वैज्ञानिकों को वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Related News