सोना तस्करी मामले में एक्ट्रेस रान्या राव को मिली जमानत, लेकिन फिर भी रहेंगी जेल में, जानें वजह

punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 10:14 PM (IST)

बेंगलुरुः कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी चर्चित अभिनेत्री रान्या राव और सह-आरोपी तरुण कोंडुरु राजू को बहुचर्चित सोना तस्करी मामले में मंगलवार को आर्थिक अपराधों की विशेष अदालत से वैधानिक (डिफॉल्ट) जमानत मिल गई। कोर्ट ने यह फैसला तब सुनाया जब पाया गया कि राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI) निर्धारित अवधि के भीतर आरोप-पत्र दाखिल करने में असफल रहा।

कोर्ट के आदेश और जमानत की शर्तें

विशेष अदालत के पीठासीन न्यायाधीश विश्वनाथ सी. गौदर ने दोनों आरोपियों को दो-दो लाख रुपये के जमानती बॉण्ड और इतनी ही राशि के दो निजी मुचलके भरने की शर्त पर जमानत दी। इसके अलावा कोर्ट ने सख्त निर्देश भी दिए:

  • आरोपी बिना अनुमति देश नहीं छोड़ सकेंगे

  • जांच में पूरी तरह सहयोग करना अनिवार्य होगा

  • आरोपी भविष्य में ऐसा अपराध दोहराएं नहीं, इसकी गारंटी भी जरूरी है

रान्या राव अब भी जेल में रहेंगी 

हालांकि जमानत आदेश से रान्या राव को राहत मिली, लेकिन कोफेपोसा (COFEPOSA) के तहत एक अलग मामला दर्ज होने के कारण वह फिलहाल जेल से रिहा नहीं हो सकेंगी।

COFEPOSA, यानी विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1974, एक कठोर कानून है जो तस्करी जैसी गंभीर आर्थिक आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को बिना मुकदमा चलाए अधिकतम एक वर्ष तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। अधिकारियों ने इस कानून के तहत रान्या को ‘गंभीर खतरे’ की श्रेणी में रखा है, जिससे उनकी रिहाई फिलहाल टल गई है।

तस्करी का मामला: 14.2 किलोग्राम सोना जब्त

रान्या राव को 3 मार्च 2025 को दुबई से लौटते समय बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। डीआरआई अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए उनके पास से 14.2 किलोग्राम सोने के बिस्कुट जब्त किए, जिनकी बाजार कीमत लगभग ₹12.56 करोड़ रुपये आंकी गई।

आरोप है कि यह सोना तस्करी के जरिए दुबई से भारत लाया गया था और इसके पीछे संगठित अपराध सिंडिकेट का हाथ हो सकता है।

जांच अब भी जारी, नेटवर्क का खुलासा बाकी

डीआरआई के मुताबिक इस केस की जांच अभी भी जारी है। अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि रान्या राव और तरुण राजू किसी बड़े तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हैं या सिर्फ मोहरे के रूप में इस्तेमाल किए गए।

सूत्रों के अनुसार, जांच में कुछ अंतरराष्ट्रीय संपर्कों और हवाला नेटवर्क की भी जानकारी सामने आई है, जिन्हें लेकर डीआरआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बीच समन्वय चल रहा है।


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Content Writer

Pardeep

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