जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत, गांव में पसरा मातम

punjabkesari.in Sunday, Feb 09, 2025 - 05:21 AM (IST)

नेशनल डेस्कः छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक गांव में पिछले चार दिनों में कम से कम सात लोगों की मौत के मामले में अधिकारियों ने कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। गांव के सरपंच ने दावा किया कि इस अवधि के दौरान गांव में नौ लोगों की मौत हो गई है और वे शराब पीने के आदी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वे (मारे गये लोग) इलाके में अवैध रूप से बेची जाने वाली देशी शराब का भी सेवन करते थे। राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मौतें नकली शराब पीने के कारण हुई हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, शनिवार सुबह कोनी थानाक्षेत्र के लोफंदी गांव में लोगों की मौत की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों का एक दल वहां पहुंचा था। 

बयान में बताया गया कि दल ने ग्रामीणों से पूछताछ की और मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से प्रारंभिक पूछताछ व जांच-पड़ताल के आधार पर यह बात सामने आई कि लोफंदी में रहने वाले श्रवण देवांगन के घर पर वैवाहिक कार्यक्रम तीन फरवरी से छह फरवरी के बीच आयोजित हुआ था, जिसमें ग्रामीणों को सामूहिक भोज में आमंत्रित किया गया था। बयान के मुताबिक, ग्रामीणों से पूछताछ में यह भी पता चला कि पिछले चार-पांच दिनों में ग्रामीण कन्हैयालाल पटेल (60), शत्रुहन देवांगन (40), बलदेव पटेल (52), कोमल प्रसाद लहरे (56), रामूराम सुनहले (59), कुन्नू देवांगन (35) और देव कुमार पटेल (45) की मृत्यु हुई है, तथा कुछ व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। 

बयान में बताया गया कि जांच-पड़ताल में जिला प्रशासन के दल ने पाया कि पांच फरवरी को देवप्रसाद पटेल और शत्रुहन देवांगन की मृत्यु हुई थी। बयान के मुताबिक, देवप्रसाद पटेल की मृत्यु का मामला कोनी थाने में दर्ज किया गया था, जिसमें मृतक के बेटे ने मृत्यु का कारण सांप के काटने को बताया है। बयान में बताया गया कि सात और आठ फरवरी को पांच व्यक्तियों की मृत्यु हुई, जिनके नाम रामूराम सुनहले, कोमल लहरे, कन्हैया पटेल, बलदेव पटेल और कुन्नू देवांगन है। बयान के मुताबिक, बलदेव पटेल की मौत श्रीराम केयर अस्पताल में हुई तथा उनके मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण दिल का दौरा उल्लेखित है। 

बयान में बताया गया कि आठ फरवरी तक लोफंदी गांव में एक मृतक के अलावा अन्य मृतकों का अंतिम संस्कार ग्रामीणों द्वारा स्वयं करा दिया गया था, जिसकी सूचना प्रशासन और अन्य किसी विभाग को भी नहीं दी गई। अधिकारियों ने बताया कि गांव में स्वास्थ्य विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग और नगर निगम के दल ने विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाया है, जिसमें उनके द्वारा घर-घर जाकर सघन अभियान चलाकर जांच की जा रही है। गांव के सरपंच रामाधार सुनहले ने मीडिया को बताया कि मौतों का सामुदायिक भोज से कोई लेना-देना नहीं है तथा मृतक शराब पीने के आदी थे। सरपंच रामाधार मृतक रामूराम सुनहले का छोटा भाई है। 

रामाधार ने कहा, “पिछले तीन-चार दिनों में गांव में कुल नौ लोगों की मौत हो चुकी है। वे सभी शराब के आदी थे और जहां से भी उन्हें देशी शराब मिलती थी, पी लेते थे”। उन्होंने दावा किया, “मेरा भाई नियमित रूप से शराब पीता था और वह बहुत कम खाता था। शराब पीने के कारण वह बीमार भी रहता था।” 

सरपंच ने मौतों को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उनके भाई की मौत का कारण पता चलेगा। इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया कि लोफंदी में नकली शराब पीने से आठ ग्रामीणों की मौत हुई और पार्टी ने इन मौतों के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “लोफंदी में अवैध नकली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई और कुछ अन्य बीमार हो गए। बीमार लोगों में से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन मौतों के लिए विष्णु देव साय सरकार जिम्मेदार है।”   


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Content Writer

Pardeep

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