'हेल्दी डाइट' लेने के बावजूद 29 साल की महिला को हुआ स्टेज 4 कोलोरेक्टल कैंसर, इन चीज़ों को बताया कारण

punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 12:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  29 वर्षीय मोनिका चौधरी की कहानी आज की उस पीढ़ी के लिए एक चेतावनी है, जो फिटनेस और हेल्दी डाइट को ही स्वास्थ्य का पर्याय मान बैठी है, लेकिन बाकी जरूरी पहलुओं को नज़रअंदाज़ कर देती है। एक महिला जिसने तले-भुने भोजन को कभी हाथ तक नहीं लगाया, हमेशा स्वच्छ और पौष्टिक आहार को प्राथमिकता दी- वह अचानक स्टेज 4 कोलोरेक्टल कैंसर की चपेट में कैसे आ गई?

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लेकिन जीवनशैली में संतुलन की कमी
30 जुलाई को एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मोनिका ने अपने जीवन का कड़वा सच साझा किया। उन्होंने लिखा, "मैं हमेशा हेल्थ कॉन्शियस रही हूं। न हेल्दी डाइट में कभी चूक की, न किसी गलत आदत को अपनाया। लेकिन एक चीज़ जो मैंने नज़रअंदाज़ की—वो थी मेरी जीवनशैली में संतुलन की कमी।" उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि भोजन जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है मानसिक शांति, शारीरिक सक्रियता और तनाव मुक्त दिनचर्या।

करियर की दौड़ में कहीं पीछे छूट गई थी खुद की केयर
मोनिका बताती हैं कि जैसे-जैसे उन्होंने अपनी वेबसाइट और काम को गंभीरता से लेना शुरू किया, वैसे-वैसे उनकी दिनचर्या बदलती गई।
स्क्रीन टाइम बढ़ता गया
फिजिकल एक्टिविटी कम होती गई
और तनाव उनका स्थायी साथी बन गया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "शाम की दौड़ कभी मेरी थेरेपी हुआ करती थी। लेकिन धीरे-धीरे काम ने सब कुछ खा लिया। मैं सोचती रही कि कुछ समय बाद सब संभाल लूंगी—but that 'some time' never came."

शरीर ने दिए थे संकेत, पर समझा नहीं पाई
थकान, बेचैनी, नींद की कमी और फोकस में कमी जैसे लक्षण लंबे समय से उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके थे। लेकिन मोनिका, जिनका ध्यान पूरी तरह काम पर था, इन संकेतों को सामान्य वर्क लोड समझकर नज़रअंदाज़ करती रहीं। वो लिखती हैं, "मैं सोचती रही कि ये सिर्फ नींद की कमी है या ओवरवर्क की वजह से हो रहा है। लेकिन मेरा शरीर कुछ और कह रहा था।"

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by CancerToCourage (@cancertocourage)

स्टेज 4 कोलोरेक्टल कैंसर--एक पल में बदली ज़िंदगी
कुछ समय पहले जब उन्होंने डॉक्टरी जांच करवाई, तो उन्हें पता चला कि उन्हें स्टेज 4 कोलोरेक्टल कैंसर है। ये पल उनके लिए चौंकाने वाला था, लेकिन साथ ही आत्मनिरीक्षण का भी। उन्होंने कहा, "मुझे अब एहसास होता है कि ये सिर्फ बदकिस्मती नहीं थी। ये मेरी थकी हुई, नजरअंदाज की गई बॉडी का जवाब था।"

 मोनिका की सीख: हेल्दी फूड काफी नहीं होता
मोनिका अब चाहती हैं कि लोग समझें कि केवल डाइट ही सेहत की गारंटी नहीं है। "मैंने सबसे कठिन तरीके से सीखा कि कोई भी महत्वाकांक्षा आपके स्वास्थ्य से ज़्यादा ज़रूरी नहीं। हमारा शरीर हिसाब रखता है। और जब आप उसे नज़रअंदाज़ करते हैं, तो एक दिन वह ज़ोर से जवाब देता है।"
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Related News