245 सड़कें बंद, 85 मौतें और 740 करोड़ का नुकसान… भारी बारिश, तूफान और लैंडस्लाइड ने मचाई तबाही
punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 10:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। राज्य में अब तक 85 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 54 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई हैं। साथ ही 31 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) और स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, 129 लोग घायल हुए हैं जबकि 34 लोग अब भी लापता हैं।
245 सड़कें बंद, मंडी में हालात सबसे ज्यादा खराब
बारिश और भूस्खलन के चलते राज्य भर में 245 सड़कें बाधित हैं, जिनमें केवल मंडी जिले में 138 सड़कें बंद पड़ी हैं। सबसे अधिक प्रभावित मार्गों में राष्ट्रीय राजमार्ग-3 का मंडी-धरमपुर खंड शामिल है, जो पंजाब के अटारी को लेह (लद्दाख) से जोड़ता है।
बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप
भारी बारिश से 192 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित है। साथ ही 740 जलापूर्ति परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें मंडी की 137 स्कीमें शामिल हैं।
बादल फटने और बाढ़ ने बढ़ाया संकट
मंडी में 30 जून और 1 जुलाई की रात को हुई मूसलधार बारिश में करीब 10 जगहों पर बादल फटे, जिससे कई इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुए। यह पूरा पहाड़ी क्षेत्र इस वक्त प्राकृतिक आपदा के संकट से गुजर रहा है।
कई जिलों में भारी बारिश, धौलाकुआं सबसे ज्यादा प्रभावित
राज्य के कई जिलों में जोरदार बारिश जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, अब तक की सबसे ज्यादा बारिश धौलाकुआं में 168.5 मिमी, बिलासपुर में 120.4 मिमी, मनाली में 46 मिमी, पांवटा साहिब में 38.4 मिमी, और जटोन बैराज व नाहन में लगभग 35 मिमी दर्ज की गई है।
येलो अलर्ट जारी, और बढ़ सकती है मुसीबत
मौसम विभाग ने रविवार से बुधवार तक के लिए राज्य के कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इसमें चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले शामिल हैं। इन इलाकों में कम से मध्यम स्तर की बाढ़ और भूस्खलन की आशंका जताई गई है।
30% ज्यादा बारिश, 740 करोड़ का नुकसान
मौसम विभाग के अनुसार, 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल में अब तक सामान्य से 30% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान 22 बादल फटने, 31 बाढ़, और 17 भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे कृषि भूमि, जंगल, सड़कें और इमारतें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। अनुमान है कि राज्य को अब तक करीब 740 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।