2.60 लाख गणेश प्रतिमाएं....13 हजार से ज्यादा पंडाल, गणपति उत्सव के लिए तैयार मुंबई
punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2024 - 01:31 PM (IST)
नेशनल डेस्क: मुंबई गणपति बप्पा के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बार भी पुराने उत्साह और उमंग के साथ गणेश उत्सव मनाया जाएगा। शहर के सभी हिस्सों, चाहे वे मुस्लिम बहुल इलाके जैसे कमाठीपुरा, भायखला, डोंगरी हों या दादर माटुंगा की प्रमुख पारसी कॉलोनी, हर जगह गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मुंबई में गणेश उत्सव किसी एक धर्म का नहीं, बल्कि पूरे शहर का त्योहार है। इस बार 2.60 लाख गणेश प्रतिमाएं पूजा के लिए तैयार हैं, जो पिछले साल की तुलना में 10,000 ज्यादा हैं।
बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेश उत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष नरेश दहिबावकर के अनुसार, मुंबई में नए सोसायटीज और पंडाल तेजी से बढ़ रहे हैं। 2023 में सार्वजनिक पंडाल की संख्या लगभग 3,200 थी, जो इस बार बढ़कर 3,500 हो गई है। सोसायटी पंडाल की संख्या भी 9,000 से बढ़कर 10,000 हो गई है। यदि सोसायटीज की वृद्धि की दर 10% रहती है, तो गणपति के पंडाल और घरों में विराजित प्रतिमाओं की संख्या 20% तक बढ़ सकती है।
मुंबई के आर्थिक विश्लेषक जयराज सालगांवकर ने बताया कि जीएसबी सेवा मंडल, जो देश के सबसे अमीर मंडलों में से एक है, ने अपने गणपति पंडाल का बीमा बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये कर दिया है। लालबागचा राजा और जीएसबी पंडाल के लिए टेंट का किराया भी 1.50 करोड़ रुपये से ज्यादा है। 2022 में ब्रिटिश काउंसिल की रिसर्च के अनुसार, नवरात्रि के दौरान बंगाल की अर्थव्यवस्था में 32 हजार करोड़ रुपये का योगदान होता है, जबकि मुंबई में यह आंकड़ा लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
5 प्रमुख गणेश पंडाल:-
लालबागचा राजा: यह पंडाल गणपति उत्सव में महत्वपूर्ण है और यहां 24 घंटे दर्शन की व्यवस्था है। इस बार इसके बीमा की राशि 32.76 करोड़ रुपए है, जो पिछले साल से 2 करोड़ रुपए ज्यादा है। पंडाल में प्रसाद और चरण दर्शन की नई व्यवस्था की गई है।
अमीर गणेश: इस पंडाल में गणपति को 69 किलो सोना पहनाया जाएगा, जो पिछले साल से 400 ग्राम ज्यादा है। पंडाल का बीमा 360 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 400.5 करोड़ रुपये किया गया है। पांच दिन में रोज 7,000 हवन होंगे।
सबसे ऊंचे गणेश: कमाठीपुरा की गली नंबर 8 में इस बार 35 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा होगी। पिछले साल खेतबाड़ी में 40 फीट की प्रतिमा बनाई गई थी।
सबसे पुराने गणेश: केशवजी नाइक चौल, गिरगांव का गणेश उत्सव इस बार 131 साल पुराना है। इसे समाज को दिशा दिखाने वाला गणेश माना जाता है और इस बार यहां रोबोटिक्स पर 2 दिन का व्याख्यान भी आयोजित किया जाएगा।
कागज की मूर्तियां: पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, इस बार मुंबई में कागज से बनी 18 फीट तक की गणेश प्रतिमाओं का चलन बढ़ा है। एक प्रतिमा बनाने में 250 किलो कागज लगता है और इसे बनाने में 3 महीने लगते हैं। ये प्रतिमाएं पानी में पूरी तरह घुल जाती हैं। मुंबई में गणपति उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और सभी जगह बप्पा की धूमधाम से स्वागत की तैयारी हो रही है।