शाम के समय न करें ये काम, आपके भाग्य की लक्ष्मी हो जाएंगी किसी ओर के नाम

punjabkesari.in Thursday, May 05, 2016 - 08:55 AM (IST)

पुराणों में सुख-समृद्धि युक्त जीवन जीने के लिए बहुत सारे उपाय और न‌ियम निर्धारित किए गए हैं। जिनमें दैनिक जीवन से लेकर स्‍त्री-पुरुष संबंधों तक की बात की गई है। शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति अपने जीवन में जो भी कार्य करता है उसका प्रभाव उसके तन-मन और धन पर पड़ता है। जिससे उसका आचार-व्यवहार बनता है। 

 
हिंदू धर्म के सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रंथ मनुसंह‌िता के अनुसार, ''चत्वार‌ि खलु  कार्याण‌ि संध्याकाले व‌िवर्जयेत्। आहारं मैथुनं न‌िद्रां स्वाध्यायन्च चतुर्थकम्।।'' 
 
अर्थात चार ऐसे काम हैं जो शाम को नहीं करने चाह‌िए। 
 
पहला काम: शाम के समय किसी भी तरह का खाद्य पदार्थ न तो खाना चाहिए और न पीना चाहिए। माना जाता है की जो लोग शाम के समय खाते-पीते हैं वह अगले जन्म में पशु योनी में जन्म लेते हैं।
 
दूसरा काम: शाम का समय द‌िन और रात का संध‌िकाल होता है। भगवत भक्ति, ध्यान और साधना के लिए यह सर्वश्रेष्ठ समय है। सभी जीवों को इस समय अपना ध्यान प्रभु भक्ति में लीन करना चाहिए। जो स्‍त्री-पुरूष इस समय मैथुन करते हैं रोग और शोक कभी उनका पीछा नहीं छोड़ते। शाम के समय किए गए गर्भधारण से जो संतान उत्पन्न होती है वह राक्षसी प्रवृति की होती है।
 
तीसरा काम: शाम के वक्त वेदों और शास्‍त्रों का अध्ययन करना निषिद्ध है। इस समय केवल ध्यान, साधना, भजन-आरती और दीपदान करना ही लाभप्रद होता है।
 
चौथा काम: सूरज ढलने के उपरांत कभी क‌िसी को उधार न दें। मान्यता है कि इस वक्त किसी को अपने कोष से धन निकाल कर देने से आप अपने भाग्य की लक्ष्मी किसी और के नाम कर देते हैं।

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