Chaitra Navratri: कल बन रहा है लक्ष्मी प्राप्ति का विशेष योग, इस विधि से घर पर बनाएं श्री यंत्र

punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2024 - 01:52 PM (IST)

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Chaitra Navratri 2024: नवदुर्गा के प्रिय दिन चैत्र नवरात्रि आने वाले हैं। वैसे तो ये 9 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन धन की इच्छा रखने वाले जातको के लिए 9 अप्रैल 2024 मंगलवार का दिन बहुत ही खास है। इस दिन घर पर ही खास यंत्र बनाकर सोई हुई लक्ष्मी को जागृत करें। ये अचूक उपाय केवल नवरात्र के दिनों में केवल मंगलवार को ही किया जा सकता है। तभी इस यंत्र का विशेष प्रभाव रहेगा।

पंजाब राज्य के जिला कपूरथला में सुल्तानपुर लोधी नामक गांव में महर्षि भृगु जी द्वारा लिखित भृगु संहिता में प्राचीन ताम्रपत्र पर सोई हुई लक्ष्मी को जागृत करने का अचूक उपाय लिखा गया है। घर पर ही देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला श्री यंत्र बनाया जा सकता है। इस यंत्र के प्रभाव से जिस व्यक्ति के घर में इसे स्थापित किया जाता है, वहां धन की कभी कोई कमी नहीं रहती। जिस व्यक्ति के घर में धन की आवक तो रहती है लेकिन लक्ष्मी उसके घर आकर चली जाती है। ऐसे व्यक्ति को इस श्री यंत्र के प्रयोग का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। 

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Auspicious time to make instrument यंत्र बनाने का शुभ मुहूर्त: यंत्र बनाने की तिथि 9 अप्रैल 2024 है, समय प्रातः 8 से 11 या संध्याकाल के समय भी इस यंत्र का निर्माण किया जा सकता है। यंत्र में प्रयोग की जाने वाली सामग्री इस प्रकार है- सवा मीटर लाल कपड़ा, 10 गुलाब के शुद्ध व खिले हुए फूल, थोड़ी सी लाल चंदन की लकड़ी, रोली, मौली, 9 कमलगट्टे ( जिसमें सुराख नहीं होने चाहिए एवं खण्डित भी न हों) यथाशक्ति दक्षिणा जोकि सिक्के के रुप में होनी चाहिए जैसे 1, 2, 5 या 10 का सिक्का।

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विधि- सबसे पहले लाल कपड़े को बिछा लें, फिर उस पर गंगा जल का छिंटा देकर एक गुलाब के फूल की पत्तियों को आसन के रूप में इस्तेमाल करें। 1 गुलाब का फूल हाथ में लेकर इन मंत्रों का 1-1 बार जाप करें।

देवी मंत्र- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते

गायत्री मंत्र- ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

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फिर गुलाब के फूल को उस कपड़े पर रख दें। इसी प्रकार 9 फूलों पर एक बार गायत्री मंत्र और 1 बार देवी मंत्र का जाप करके कपड़े पर रखते जाएं। थोड़ी सी लाल चंदन की लकड़ी रखकर, उस पर मौली रख दें। रोली की पूड़ियां खोलकर रख दें। फिर 9 कमलगट्टे दक्षिणा सहित रखें। लक्ष्मी माता की विराजित अवस्था का ध्यान करके प्रार्थना करें, "हे मां लक्ष्मी! आज मैं आपको इन मंत्रों के द्वारा जागृत करने आया हूं। कृपा करके जागृत होकर मेरे घर में स्थिर रूप में वास करें। धन-धान्य व सभी प्रकार के सुखों को भोगने की आज्ञा भी प्रदान करने का आशीर्वाद दें। फिर उस कपड़े को लपेट कर व ऊपर से मौली व धागे से बांधकर अब तैयार हो चुके श्री यंत्र को या तो घर के मंदिर में अथवा धन रखने के स्थान पर रखें।

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ध्यान रखें- एक बार श्रीयंत्र स्थापित करने के उपरांत उसे उसके स्थान से कभी भी हिलाया न जाए। तभी स्थिर लक्ष्मी का सुख प्राप्त कर सकेंगे। इस यंत्र की वैद्यता चैत्र नवरात्रि के मंगलवार तक ही है। उस दिन दोबारा से इस श्री यंत्र का निर्माण करें। नया श्री यंत्र स्थापित करके फिर पुराना वाला श्री यंत्र उठाकर किसी भी देवी माता के मंदिर में मौली अथवा धागा हटाकर कपड़े को खोलकर मां के सामने रख दें व प्रार्थना करें, " हे माता ! जिस तरह से आपने पहले सुख-समृद्धि प्रदान की वैसी कृपा आगे भी बनाए रखें व इस श्री यंत्र को स्वीकार करें।"

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Sanjay Dara Singh 
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM).


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Content Writer

Niyati Bhandari

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