Lord Hanuman Short Story: हनुमान जी की शरण में जाने से शनि प्रकोप होता है शांत, पढ़ें अद्भुत कथा और उपाय
punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 12:10 PM (IST)

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Hanuman ji ki kahani: ‘मंगल को जन्मे मंगल ही करते मंगलमय हनुमान’ जी उपासना से शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। वाल्मीकि रामायण अनुसार, हनुमान जी वानरों के राजा केसरी और उनकी पत्नी अंजना के पुत्र हैं। माता अंजना ने 12 वर्षों तक संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की कठोर तपस्या की। परिणामस्वरूप उन्हें संतान के रूप में हनुमान जी प्राप्त हुए। हनुमान जी भगवान शिव के ही अवतार हैं। कथानुसार, अंजना एक अप्सरा थीं, जिनका श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म हुआ था। यह श्राप उन पर तभी हट सकता था, जब वह एक संतान को जन्म देतीं।
शास्त्रों में वर्णन है कि शृंगी ऋषि के यज्ञ में पूर्णाहूति के बाद अग्निदेव के हाथों मिली खीर को राजा दशरथ ने अपनी तीनों रानियों में बांटा, इसी दौरान वहां एक चील खीर का एक कटोरा चोंच में भर कर उड़ गई। यह हिस्सा किष्किंधा पर्वत पर भगवान शिव की प्रार्थना कर रहीं माता अंजना की गोद में गिरा, जिसे उन्होंने प्रसाद समझ कर ग्रहण किया। फलस्वरूप उनकी कोख से हनुमान जी ने जन्म लिया।
भगवान श्रीराम के कार्य सिद्ध करने वाले हनुमान जी साक्षात रुद्रावतार और संकट मोचक हैं। केसरीनंदन हनुमान जी अतुलित बल के प्रतीक हैं। श्री राम भक्त हनुमान जी अपने भक्तों की पीड़ा हरने वाले श्री रामायण रूपी महामाला के महारत्न के रूप में माने जाते हैं।
सेवक होने के साथ-साथ हनुमान जी भगवान श्री राम व माता सीता के ‘सुत’ (बेटा) भी कहलाए। हनुमान जी की पूजा-अर्चना से सभी संकट दूर हो जाते हैं -
संकट कटे-मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा।
शनि प्रकोप होने पर हनुमान जी की शरण में जाने से प्रकोप शांत हो जाता है। भगवान श्री राम ने हनुमान जी गुणों की व्याख्या करते हुए उन्हें अपने भ्राता भरत के समान माना-
रघुपति किन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।
हनुमान चालीसा का जो सौ बार पाठ करता है, वह सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है-
भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे।
हनुमान जी को सभी देवी-देवताओं का वर प्राप्त था। मान्यता है कि वह हिन्दुओं के एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो आज भी सशरीर विद्यमान हैं और भक्तों का विश्वास है कि कलयुग में एक बात अटल है, आज भी जहां कहीं राम कथा होती है, वहां पवन पुत्र सशरीर किसी न किसी रूप में उपस्थित होते हैं।
Hanuman ji ke achuk upay: हनुमान जी की पूजा में हनुमान चालीसा, स्रोत, बजरंग बाण, हनुमानष्टक, सुंदर कांड का काफी महत्व है। उन्हें चूरमे का प्रसाद, गुड़, चने चढ़ाने से मनोकामना पूर्ण होती है।