विवाह पंचमी 2019: श्री राम-सीता का गठबंधन करने से पहलें जान लें ये ज़रूरी जानकारी
punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2019 - 05:51 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष के माह के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन विवाह पंचमी मनाई जाती है, जो इस वर्ष के आख़िर माह दिसंबर की पहली तारीख़ को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म के अन्य त्यौहारों के साथ इसे भी एक प्रमुख त्यौहार माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। बता दें विवाह पंचमी का ये उत्सव खासतौर से नेपाल और मिथिलांचल में ममना जाता है। यहां के लोक मान्यताओं के मानें तो यहां इस उत्सव के दौरान यहां लोग घरों व मंदिरों में श्री राम व माता सीता का पांरपरिक रूर से गठबंधन करते हैं। इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विवाह पंचमी के दिन रामायण के बाल कांड का पाठ करने की भी परंपरा है।
यहां जानें विवाह पंचमी की तिथि व इसका शुभ मुहूर्त। इसके अलावा जानेंगे इस दिन किसकी किस विधि से पूजा करनी चाहिए।
विवाह पंचमी की तिथि: 1 दिसंबर 2019
पंचमी तिथि प्रारंभ: 30 नवंबर 2019 को शाम 6 बजकर 5 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्त: 1 दिसंबर 2019 को शाम 7 बजकर 13 मिनट तक
विवाह पंचमी की पूजा विधि
धार्मिक मान्ताओं के अनुसार विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न कराया जाता है।
कैसे कराया जाता है राम-सीता का विवाह-
इस दिन प्रातः उठकर स्नान आदि के कार्य से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। संभव हो तो इस दिन नए वस्त्र पहन लें।
फिर सच्ची भाव से मन में श्री राम तथा माता सीता के विवाह का संकल्प लें।
घर के मंदिर में भगवान श्री राम तथा माता सीता की प्रतिमा या चित्र की स्थापना कर लें। फिर इन्हें श्री राम को पीले व मां सीता को लाल वस्त्र पहनाएं।
इसके बाद रामायण के बाल कांड का पाठ करते हुए इनके विवाह प्रसंग का पाठ करें। और बाद में ॐ जानकीवल्लभाय नमः का जाप करें।
फिर श्री राम तथा मां सीता का गठबंधन करें और आख़िर में इनकी की आरती उतारकर भगवान को भोग लगाएं तथा अन्य लोगों में भी वितरित करें।