जम्मू कश्मीर: गौमांस प्रतिबंध मामले को लेकर सरकार का ‘डेमेज कंट्रोल’

punjabkesari.in Wednesday, Sep 16, 2015 - 11:21 AM (IST)

जम्मू कश्मीर: प्रदेश में गौमांस प्रतिबंध मामले को लेकर एक ‘डेमेज कंट्रोल’ अभ्यास के रुप में सरकार ने अतिरिक्त एडवोकेट जनरल (ए.ए.जी) विशाल शर्मा को शिफ्ट कर दिया है। मामले में सरकार का बचाव करने वाले शर्मा को उच्च न्यायलय में गृह विभाग के बजाय शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास विभाग का तत्काल प्रभाव से प्रतिनिधित्व करने का कार्य सौंपा गया है।

सूत्रों के अनुसार सरकार के इस कदम ने संवेदनशील मामलों से निपटने में अपनी लापरवाही को उजागर किया है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि राज्य कानून मंत्रालय ने आदेश जारी किया है जिसके तहत शर्मा को उच्च न्यायलय में गृह विभाग के बजाय शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास विभाग का तत्काल प्रभाव से प्रतिनिधित्व करने का कार्य सौंपा गया है।

कानून विभाग के सचिव मोहम्मद अश्रफ मीर ने कहा कि शर्मा को शिक्षा विभाग स्थानांतरित कर दिया गया है और यह एक सामान्य प्रक्रिया है। सूत्रों ने कहा कि कानून मंत्रालय ने उच्च न्यायलय में गौमांस प्रतिबंध मामले के दौरान सरकारी की स्थिति का बचाव करने में पूरी तरह से नाकाम रहने का मजबूत संज्ञान लिया है।हालांकि, मीर ने कहा कि शर्मा की ट्रांस्फर का गौमांस प्रतिबंध मामले से कोई लेना देना नही है।

इस बीच विशाल शर्मा ने कहा कि उन्होने अभी तक सरकार से कोई संचार प्राप्त नही किया है।याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायलय ने पिछले सप्ताह पुलिस को राज्य में गौमांस की बिक्री पर प्रतिबंध को सुनिश्चित करने और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों ने दावा किया कि शर्मा ने मामले में जबाव दाखिल ने करने पर राज्य गृह विभाग के अलावा संभागीय आयुक्त कश्मीर को सूचित नही किया था।

आदेश के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर आलोचना का अनुभव किया गया। धार्मिक और अलगाववादी संगठनों ने इसे जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्ताक्षेप करार दिया। विपक्ष नेशनल कांफ्रैंस ने पी.डी.पी.-भाजपा सरकार से कानून में संशोधन लाने के लिए कहा है ताकि राज्य में गौमांस की बिक्री की इजाजत दी जाए।
उधर, कानून विभाग ने वसीम सादिक नरागल को उच्च न्यायलय के जम्मू विंग में गृह विभाग की तरफ से मामलों का डील करने के लिए अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के रुप में नियुक्त किया है।

सूत्रों ने कहा कि वसीम ने पहली भी नैकां-कांग्रेस शासन के दौरान अदालत में सरकार का प्रतिनिधित्व किया है।
 


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