क्या 90 अरब डॉलर लौटाएगी ट्रंप सरकार? सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मच सकती है ‘टैरिफ रिफंड’ की बड़ी गड़बड़ी!
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 11:49 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अमेरिका में चल रहे एक ऐतिहासिक मामले ने ट्रंप प्रशासन के टैरिफ फैसलों पर नया सवाल खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान यह बहस तेज हो गई कि अगर अदालत ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ फैसला सुनाया, तो क्या उन व्यवसायों को रिफंड मिलेगा जिन्होंने इन टैरिफ के तहत अरबों डॉलर का शुल्क चुकाया है?
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 23 सितंबर तक अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा नियंत्रण विभाग ने इन विवादित टैरिफ से 90 अरब डॉलर का राजस्व एकत्र किया है। अब सवाल यह है कि अगर कोर्ट इन्हें अवैध घोषित करती है, तो इस रकम का क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट में उठा कठिन सवाल
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ चुनौती दे रहे व्यवसायों के वकील नील कटियाल से पूछा- “अगर आप यह केस जीत जाते हैं, तो बताइए कि प्रतिपूर्ति प्रक्रिया कैसे चलेगी? क्या यह पूरी तरह गड़बड़ नहीं हो जाएगी?”
कटियाल ने भी इस बात से इनकार नहीं किया कि रिफंड प्रक्रिया “मुश्किल और जटिल” होगी। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल- पांच कंपनियां- निश्चित रूप से रिफंड की हकदार होंगी, लेकिन यह प्रक्रिया बेहद पेचीदा साबित हो सकती है। इस पर जज बैरेट ने चुटकी लेते हुए कहा- “तो, यह तो गड़बड़ है।”
क्यों है मामला इतना पेचीदा?
अगर सुप्रीम कोर्ट ट्रंप प्रशासन के खिलाफ फैसला सुनाता है, तो अमेरिकी सरकार को अरबों डॉलर वापस लौटाने पड़ सकते हैं। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर टैरिफ रिफंड की प्रक्रिया, हजारों कंपनियों, और कई सालों पुराने रिकॉर्ड्स के चलते बेहद जटिल होगी। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा हुआ, तो यह अमेरिकी आर्थिक व्यवस्था के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन सकती है।
