अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप के वैश्विक टैरिफ कानून पर सवाल, न्यायाधीशों ने जताई शंका

punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 11:38 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए वैश्विक टैरिफ (आयात शुल्क) बुधवार को तब कानूनी संकट में पड़ गए जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने इस मामले की सुनवाई के दौरान ट्रंप की कानूनी अधिकारिता (Legal Authority) पर गंभीर सवाल उठाए।

यह मामला न सिर्फ आर्थिक रूप से अहम है बल्कि अमेरिकी राजनीति और राष्ट्रपति की शक्तियों पर भी बड़ा असर डाल सकता है।

क्या है मामला

ट्रंप प्रशासन ने अपने कार्यकाल के दौरान “इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पॉवर्स एक्ट (IEEPA)” के तहत दावा किया था कि राष्ट्रपति को अधिकार है कि वह राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) घोषित कर दुनियाभर के देशों पर आयात शुल्क या व्यापारिक प्रतिबंध लगा सकते हैं — बिना कांग्रेस (संसद) की अनुमति के।

ट्रंप ने इसी कानून का इस्तेमाल करते हुए कनाडा, चीन और मेक्सिको समेत कई देशों पर वैश्विक टैरिफ लगाए थे। इनमें से कुछ फेंटानिल (Fentanyl) ड्रग्स से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला पर नियंत्रण के नाम पर लगाए गए थे। लेकिन अब कई छोटे व्यवसायों और अमेरिकी राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी है कि ट्रंप ने अपने संवैधानिक अधिकारों से आगे बढ़कर फैसला लिया था।

 निचली अदालतों का क्या फैसला था

अमेरिका की निचली अदालतों (Lower Courts) ने पहले ही कहा था कि ट्रंप ने IEEPA का गलत इस्तेमाल किया है और राष्ट्रपति को “वैश्विक स्तर पर कर लगाने” का अधिकार नहीं है। अब अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट के हाथ में है, जो तय करेगा कि ट्रंप के लगाए टैरिफ वैध (legal) हैं या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ

सुनवाई बुधवार सुबह 10 बजे (स्थानीय समय) शुरू हुई। कोर्ट ने इस पर 80 मिनट की बहस का समय तय किया था, लेकिन सुनवाई इससे कहीं ज्यादा लंबी चली। कोर्ट की लाइव ऑडियो स्ट्रीमिंग भी की गई, जिसे देशभर के लोग सुन रहे थे। न्यायाधीशों ने ट्रंप प्रशासन के वकील से कई तीखे सवाल किए — खासतौर पर यह कि क्या राष्ट्रपति को इतना बड़ा आर्थिक कदम उठाने का अधिकार है, बिना कांग्रेस की मंजूरी के।


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Content Writer

Pardeep

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