यह है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार: 15,000 KM तक कर सकता है सीधा वार, थर-थर कांपेंगे दुश्मन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 09:21 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। चीन ने आर्थिक और तकनीकी विकास के साथ-साथ सैन्य शक्ति में भी चौंकाने वाली प्रगति की है। उसके जखीरे में एक ऐसा हथियार है जिससे दुनिया की सबसे बड़ी ताकतें भी भयभीत हैं। हम बात कर रहे हैं चीन की सबसे उन्नत और घातक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) डीएफ-41 डोंगफेंग की जिसकी जद में पूरी दुनिया यहां तक कि अमेरिका भी आता है।

क्या है डीएफ-41 की ताकत?

डीएफ-41 को चीन की सामरिक शक्ति का सबसे धारदार हथियार माना जाता है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं इसे बेहद खतरनाक बनाती हैं:

भयंकर गति: यह मिसाइल 30,870 किलोमीटर प्रति घंटे (मैक 25) की रफ्तार से दुश्मनों को पल भर में राख में मिला सकती है। भारत की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल जो खुद दुनिया की सबसे तेज मिसाइलों में से एक है भी स्पीड के मामले में इसके आगे कहीं नहीं टिकती।

लंबी दूरी: इसकी रेंज 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक है जिसका मतलब है कि यह पूरे अमेरिकी भूभाग को निशाना बना सकती है।

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अनेक वॉरहेड: डीएफ-41 में MIRV तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसका मतलब है कि एक ही मिसाइल कई अलग-अलग लक्ष्यों को भेदने के लिए कई वॉरहेड ले जा सकती है। चीनी मीडिया के अनुसार इसमें 10 तक वॉरहेड लगाए जा सकते हैं जबकि विशेषज्ञ 3 से 5 वॉरहेड को प्रभावी मानते हैं।

पकड़ में नहीं आती: यह मिसाइल ठोस ईंधन से चलती है जिससे इसे कम समय में तैयार किया जा सकता है और यह दुश्मन की नजर से बच निकलने में सक्षम रहती है।

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तीन अलग-अलग संस्करण

डीएफ-41 को तीन अलग-अलग तरीकों से लॉन्च किया जा सकता है जो इसकी मारक क्षमता को और बढ़ाते हैं:

रोड मोबाइल: इसे एक बड़े ट्रांसपोर्ट लॉन्चर से कहीं भी ले जाया जा सकता है जिससे यह दुर्गम इलाकों से भी हमला करने में सक्षम है।

रेल मोबाइल: इसे ट्रेनों के रूप में छिपाया जा सकता है जिससे दुश्मन के लिए इसका पता लगाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

साइलो आधारित: चीन ने इनर मंगोलिया और शिनजियांग जैसे इलाकों में सैकड़ों भूमिगत साइलो (साइलो एक प्रकार का गहरा गड्ढा या खंदक होता है) बनाए हैं जहां से इसे लॉन्च किया जा सकता है।

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अमेरिका और रूस से तुलना

डीएफ-41 को चीन का अब तक का सबसे उन्नत आईसीबीएम माना जाता है। यह अपने पूर्ववर्ती मिसाइलों से कई गुना ज़्यादा सक्षम है। अगर हम इसकी तुलना अन्य महाशक्तियों के हथियारों से करें तो अमेरिका के पास फिलहाल मिनुटमैन-III है जिसकी रेंज 13,000 किमी है वहीं रूस अपनी नई पीढ़ी की मिसाइल RS-28 सरमात विकसित कर रहा है जिसकी रेंज 18,000 किमी तक बताई जाती है।

चीन की परमाणु रणनीति और भविष्य

चीन का दावा है कि वह परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा लेकिन अमेरिकी रिपोर्टें बताती हैं कि चीन दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती परमाणु शक्ति है। SIPRI की जुलाई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपने जखीरे में 90 नए वॉरहेड जोड़े हैं और अब उसके पास लगभग 500 परमाणु वॉरहेड हैं। अनुमान है कि अगले दस सालों में चीन की मिसाइल संख्या रूस और अमेरिका से भी आगे निकल सकती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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