द.चीन सागर पर ड्रैगन के बढ़ते कब्जे से भड़का US, कहा- भुगतना पड़ेगा परिणाम

punjabkesari.in Friday, May 04, 2018 - 06:52 AM (IST)

वॉशिंगटनः राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से ही चीन और अमरीका के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर तनातनी का माहौल है। दक्षिण चीन सागर पर ड्रैगन के बढ़ते कब्जे को  लेकर एक बार फिर अमरीका भड़क गया है जिस कारण चीन से उसका टकराव बढ़ सकता है। व्हाइट हाउस ने दक्षिण चीन सागर पर चीन द्वारा सैन्यकरण को लेकर चिंता जताते इस इलाके में  घातक मिसाइलें तैनात करने पर चीन को परिणाम भुगतने की धमकी दी है। 

 व्हाइट हाउस की मीडिया ब्रीफिंग के दौरान प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने कहा कि अमरीका को साउथ चाइना सी में चीन की सभी गतिविधियों के बारे में पता है।  अब इस मुद्दे के कुछ दूरगामी परिणाम होंगे। बता दें कि चीन इस इलाके पर अपना हक जताता है। पिछले 30 दिनों में यहां के तीन द्वीपों पर मिसाइलें तैनात की हैं। बता दें कि पिछले कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि चीन साउथ चाइना सी में अपना सैन्य तंत्र खड़ा करने में जुटा है। अमरीकी मीडिया की कुछ हालिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि चीन ने विवादित क्षेत्र में तीन जगहों पर मिसाइलें तैनात की हैं। 
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 गुरुवार को चीन ने खुद ही इन कयासों को पुख्ता करते हुए कहा कि साउथ चाइना सी पर उसकी निर्विवाद संप्रभुता है। बताया गया है कि चीन ने इस क्षेत्र के तीन द्वीपों पर घातक एंटी शिप क्रूज मिसाइलें और जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम तैनात किया है। साउथ चाइना सी में चीन की गतिविधियों का खुलासा कुछ ही दिनों पहले अमरीकी मीडिया ने किया था।

इन रिपोर्ट्स में कहा गया था कि चीन ने सिर्फ 30 दिनों के अंदर फियरी क्राॅस रीफ, सूबी रीफ और मिसचिफ रीफ पर मिसाइलें तैनात कर दी हैं।  चीन ने पिछले दिनों इस क्षेत्र में 7 आइलैंड, मिसाइल स्टेशन, हैंगर और रडार स्टेशन बना चुका है।   राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान बराक ओबामा भी साउथ चाइना सी पर चीन के बढ़ते कब्जे को लेकर विरोध जता चुके हैं। चीन वेस्टर्न पेसिफिक में अपने कब्जे से अमेरिका को हमेशा चुनौती देता रहा है।


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Content Writer

Tanuja

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