तुर्की में शांति वार्ता विफल होते ही रूस का आक्रमण तेज, यूक्रेन पर एक साथ दागे 273 ड्रोन
punjabkesari.in Sunday, May 18, 2025 - 01:48 PM (IST)

International Desk: रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला करते हुए एक ही रात में 273 ड्रोन दागे। यूक्रेन की वायुसेना के अनुसार, यह युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे भयावह ड्रोन अटैक था। हमले में कीव समेत ड्निप्रोपेत्रोव्स्क और डोनेस्क क्षेत्रों में भयानक तबाही हुई। कई आवासीय इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और कीव क्षेत्र के ओबुखिव जिले में एक 28 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि एक चार वर्षीय बच्चा समेत तीन लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन की वायुसेना के मुताबिक रूस के 273 ड्रोन हमले में से 88 ड्रोन को हवा में ही मार गिराया गया जबकि लगभग 128 ड्रोन डिकॉय (नकली) थे , जो बिना नुकसान पहुंचाए गिर गए। इसके बावजूद, दर्जनों ड्रोन रिहायशी इलाकों में गिरे और नौ घंटे तक हवाई हमले की चेतावनी बजती रही। इस हमले ने फरवरी 2025 में हुए 267 ड्रोन हमले का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
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यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के इस हमले को "जानबूझकर आम नागरिकों को निशाना बनाने वाला हमला" बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की। इससे एक दिन पहले ही सुमी क्षेत्र में एक बस पर रूसी ड्रोन हमले में 9 नागरिकों की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि इस हमले के 2 दिन पहले तुर्की के इस्तांबुल शहर में तीन साल बाद रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता हुई जो विफल रही। दोनों देशों के बीच केवल कैदियों के आदान-प्रदान पर सहमति बनी लेकिन युद्धविराम पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। यूक्रेन के डिसइन्फॉर्मेशन सेंटर के प्रमुख आंद्रेई कोवालेन्को ने दावा किया कि रूस हमेशा वार्ता से ठीक पहले बड़े हमले करता है ताकि दबाव बनाकर बातचीत की शर्तों को अपने पक्ष में कर सके।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस स्थिति को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से अलग-अलग बात करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस युद्ध को समाप्त करवाने के लिए कूटनीतिक प्रयास करेगा। इस हमले के बाद नाटो और यूरोपीय संघ में भी चिंता की लहर दौड़ गई है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने स्थिति पर निगरानी बनाए रखने की बात कही है, जबकि ब्रिटेन और फ्रांस ने रूस की आक्रामक नीति की निंदा की है। यूक्रेन को अमेरिका और नाटो देशों से अतिरिक्त एंटी-ड्रोन डिफेंस सिस्टम और फंडिंग देने की चर्चा भी तेज हो गई है।
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