VIDEO: यूक्रेनी सेना ने यूरोप को सप्लाई देने वाले रूसी गैस प्लांट पर भी किया कब्ज़ा, Russia ने किया एमरजेंसी का ऐलान
punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2024 - 04:52 PM (IST)
International Desk: यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में स्थित सुद्ज़ा शहर के पास एक महत्वपूर्ण गैस प्लांट पर कब्जा कर लिया है, जो कि रूस की गैस कंपनी गज़प्रोम के अंतर्गत आता है। यह प्लांट यूरोप को गैस वितरित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यूक्रेनी सैनिकों ने इस क्षेत्र के बारे में एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वे इस प्लांट पर पूरी तरह से नियंत्रण कर चुके हैं और वहां के सभी नागरिक ढांचे सुरक्षित हैं। यूक्रेनी सेना का यह कदम रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह हमला रूस के अंदरूनी हिस्से में किया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, सुद्ज़ा शहर को 7 अगस्त तक यूक्रेनी सेना ने घेर लिया था और इसके बाद वहां के रूसी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस हमले को एक रणनीतिक प्रयास माना जा रहा है, जिससे रूसी सेना को अन्य क्षेत्रों में कमजोर किया जा सके।
🚨🇺🇦🇷🇺UKRAINIAN FORCES TAKE CONTROL OF RUSSIAN GAS PLANT
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) August 11, 2024
In another blow to Putin, Ukrainian forces were filmed standing outside a local Gazprom facility in the town of Sudzha, about 10km inside Russia.
Ukrainian soldier:
“Everything is calm in the town. All the buildings are… pic.twitter.com/ZZeTsibS7y
इस घटना के बाद रूस ने इस क्षेत्र में आपातकाल की घोषणा कर दी है और वहां से लगभग 3,000 से अधिक नागरिकों को निकाला गया है। रूस की सेना अब यूक्रेनी सैनिकों को वापस धकेलने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है। इस घटना ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को और भी बढ़ा दिया है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे लेकर चर्चाएं हो रही हैं। यूरोपीय संघ ने इस हमले को यूक्रेन का वैध कदम माना है, जो रूस के आक्रामक कदमों का जवाब है।
यूक्रेनी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस स्टेशन पर अब यूक्रेनी 99वें मैकेनाइज्ड बटालियन का नियंत्रण है। यह नियंत्रण ऐसे समय में आया है जब यूक्रेनी सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में गहराई तक आगे बढ़ चुकी है। इस क्षेत्र में कई दिनों से संघर्ष जारी है, और रूस को अपनी सेना को मजबूत करने के लिए इस क्षेत्र में और सैनिक भेजने पड़े हैं। इस कदम से रूस में असंतोष बढ़ने की संभावना है और राष्ट्रपति पुतिन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है। हालांकि, गैसप्रोम अभी भी इस स्टेशन के माध्यम से यूरोप को गैस की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन इस क्षेत्र में तनाव के चलते आपूर्ति बाधित होने का खतरा बना हुआ है