ट्रम्प की नीतियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बुरा असर, चीन-मेक्सिको और यूरोप को होगा बड़ा नुकसान
punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2024 - 06:17 PM (IST)
International Desk: डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आने की संभावना जताई जा रही है। ट्रम्प की व्यापार, पूंजी और इमिग्रेशन नीतियों के कारण वस्तुओं, पूंजी और श्रम शक्ति की आवाजाही में बाधा आने की संभावना है। इन नीतियों का सबसे अधिक असर चीन, मेक्सिको और यूरोप पर पड़ सकता है।
चीन को बड़ा झटका
- ट्रम्प ने चीन के माल पर 60% टैरिफ लगाने का संकेत दिया है, जो मौजूदा स्तर से पांच गुना अधिक है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से अमेरिका को चीन का निर्यात आधा हो सकता है।
- इससे चीन की पहले से धीमी चल रही जीडीपी में 1% तक की गिरावट आ सकती है।
- अमेरिकी फैशन कंपनी स्टीव मैडेन ने चीन से अपना कारोबार हटाने की घोषणा की है। ऐसी अन्य कंपनियां भी चीन छोड़कर मेक्सिको और एशियाई देशों का रुख कर सकती हैं।
मेक्सिको पर गहरा प्रभाव
- ट्रम्प ने मेक्सिको से आयात होने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
- मेक्सिको की जीडीपी का 27% हिस्सा अमेरिका को निर्यात से आता है।
- अमेरिका से हर साल मेक्सिको को करीब 5 लाख करोड़ रुपये की धनराशि भेजी जाती है। इस पर ट्रम्प की नीतियों का असर पड़ेगा।
- मेक्सिको को माइग्रेशन और ट्रेड पॉलिसीज के कारण सबसे अधिक नुकसान होने की संभावना है।
यूरोप और अन्य देशों की चिंता
- यूरोपियन यूनियन (EU) की जीडीपी में 0.5% की गिरावट का अनुमान है।
- जर्मनी, जो अमेरिका को बड़ा निर्यातक है, को सबसे ज्यादा आर्थिक झटका लग सकता है।
- भारत, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाईलैंड जैसे देशों को भी अरबों रुपए का नुकसान हो सकता है।
- डॉलर की मजबूती और गरीब देशों पर असर
- 5 नवंबर के बाद डॉलर की कीमत विदेशी मुद्राओं के मुकाबले 3% बढ़ी है।
- मजबूत डॉलर के कारण गरीब और उभरते देशों के आयात खर्च में वृद्धि होगी।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, डॉलर के मूल्य में 10% की बढ़ोतरी से छह महीने बाद उभरते देशों की अर्थव्यवस्था में 1.9% की गिरावट हो सकती है।
अमेरिकी बाजार और वैश्विक अस्थिरता
ट्रम्प की कर कटौती से अमेरिकी कंपनियों के लाभ में वृद्धि होने की संभावना है। एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 6 से 11 नवंबर के बीच नए रिकॉर्ड बनाए।
दूसरी ओर, वैश्विक शेयर बाजार में 2% की गिरावट दर्ज की गई है।
भारत और एशियाई देशों पर असर
अमेरिका से वियतनाम का व्यापार अधिशेष 8 लाख करोड़ रुपए रहा है।चीन छोड़ने वाली कंपनियां मेक्सिको और एशियाई देशों का रुख कर सकती हैं, लेकिन इन देशों पर भी भारी टैक्स का खतरा मंडरा रहा है।