ऑस्ट्रेलियाई एंकर ने भारत-रूस दोस्ती पर उठाए सवाल, जयशंकर ने पाकिस्तान का उदाहरण देकर बोलती की बंद
punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2024 - 03:01 PM (IST)
International Desk: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के दौरे के दौरान एक चैनल को दिए एक इंटरव्यू में अपनी हाजिरजवाबी और सटीक तर्कों से वहां की एंकर की बोलती बंद कर दी। इस इंटरव्यू में ऑस्ट्रेलियाई एंकर शरी मार्कशन ने भारत-रूस के बीच मजबूत संबंधों पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या इससे ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के रिश्तों में कोई दिक्कत आएगी। इस पर जयशंकर ने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए ऐसा जवाब दिया कि एंकर के पास कोई और सवाल नहीं रह गया।
रूस से दोस्ती पर सवाल, मिला तगड़ा जवाब
ऑस्ट्रेलियाई एंकर ने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध ऑस्ट्रेलिया के साथ रिश्तों पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। इस पर जयशंकर ने कहा, "आज के वैश्विक दौर में किसी देश का रिश्ता एक्सक्लूसिव नहीं होता। भारत ने किसी प्रकार की समस्या नहीं खड़ी की है।" उन्होंने समझाया कि देशों के संबंधों में विविधता होती है, और ऐसा नहीं है कि एक देश के साथ अच्छे संबंध दूसरे देश के साथ रिश्तों में बाधा डालें।
पाकिस्तान का उदाहरण देकर एंकर को किया शांत
जयशंकर ने आगे पाकिस्तान का उदाहरण दिया और कहा कि "अगर हम आपके तर्क को मानें, तो क्या हमें उन देशों से भी नाराज होना चाहिए जिनके पाकिस्तान के साथ संबंध हैं?" उनका यह तर्क स्पष्ट था कि हर देश को अपनी विदेश नीति के तहत सभी के साथ संतुलित संबंध रखने का अधिकार है। रूस से तेल खरीदने पर सवाल उठाए जाने पर जयशंकर ने बताया कि भारत ने रूस से तेल खरीदने का फैसला अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार को स्थिर बनाए रखने के लिए किया। उन्होंने कहा, "अगर भारत ने रूस से तेल नहीं खरीदा होता तो वैश्विक ऊर्जा बाजार प्रभावित हो जाता, जिससे दुनिया भर में महंगाई और संकट पैदा हो जाते।" उन्होंने कहा कि भारत का यह कदम ऊर्जा संकट से बचाने के लिए था और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिली।
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला
रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में जयशंकर ने भारत की तटस्थता और शांतिदूत की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत रूस और यूक्रेन दोनों के साथ अच्छे संबंध रखता है, जिससे भारत वार्ता की मेज पर संघर्ष को समाप्त करने में सहयोग कर सकता है। जयशंकर ने कहा, "जंग अक्सर युद्ध के मैदान में नहीं बल्कि वार्ता की मेज पर खत्म होती है। ऐसे में दुनिया को ऐसे देशों की जरूरत है जो बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें।"
ऑस्ट्रेलिया को समझाई भारत की तटस्थता की अहमियत
जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया और बाकी विश्व समुदाय को यह भी समझाया कि भारत जैसे देश की आवश्यकता है जो इस संघर्ष को बातचीत की ओर लेकर जा सके। उन्होंने कहा कि भारत रूस के साथ अपने मजबूत संबंधों का उपयोग इस उद्देश्य के लिए कर सकता है। एंकर के पास इसके बाद कोई और सवाल नहीं था, और जयशंकर की इस सधी हुई प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो गया कि भारत अपने वैश्विक संबंधों में किस तरह संतुलन बनाए रखता है।