चीन का दबावः हांगकांग के 2 और विश्वविद्यालयों से हटाए गए तियानानमेन चौक से जुड़े स्मारक

punjabkesari.in Saturday, Dec 25, 2021 - 02:54 PM (IST)

हांगहांगः  हांगकांग में विधायी चुनाव में चीनी प्रत्याशियों की जीत के बाद  चीन का इस क्षेत्र में प्रभाव और बढ़ गया है । चीनी दबाव के चलते ही हांगकांग  के विश्वविद्यालयों से उन स्मारकों को हटाया  जा रहा है जो बीजिंग के तियानानमेन चौक पर 1989 में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के खिलाफ चीन की दमनकारी कार्रवाई से संबंधित थे।

 

शुक्रवार सुबह  हांगकांग की चाइनीज व लिंगन विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी ने तियानानमेन चौक नरसंहार से जुड़े 2 स्मारकों को हटा दिया । चीनी विश्वविद्यालय केसार्वजनिक पियाजे से   एक 6.4-मीटर (20-फुट) -लंबी कांस्य प्रतिमा जो "लोकतंत्र की देवी" का प्रतिनिधित्व करती है को हटा दिया गया । एक बयान में विश्वविद्यालय ने कहा है कि "अनधिकृत मूर्ति" को "आंतरिक मूल्यांकन" के बाद हटाया गया है। छात्रों द्वारा तियानमेन स्क्वायर में उनके पुन: प्रतीक के प्रतीक के रूप में  बनाई ये मूर्ति  एक दशक से भी अधिक समय से परिसर में खड़ी थी।
 

इससे पहले बृहस्पतिवार को हांगकांग विश्वविद्यालय में एक स्मारक को ध्वस्त कर दिया गया था। सरकार ने तियानानमेन चौक पर हुई घटना में हताहत हुए व्यक्तियों की कभी भी संख्या नहीं बतायी और लोकतंत्र समर्थक आंदोलन चीन के मुख्य भूमि में अभी भी एक वर्जित विषय है। दो अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग और मकाओ, चीन में ऐसे स्थान थे, जहां दमनकारी कार्रवाई की बरसी पर प्रतिवर्ष मोमबत्ती के साथ प्रदर्शन की इजाजत थी। हालांकि, बाद में प्राधिकारियों ने इन पर प्रतिबंध लगा दिया।

 

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि हांगकांग में लोकतंत्र प्रचारकों को दबाने और बुनियादी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है ।  उन्होंने कहा कि स्मारकों को हटाना दमनकारी घटनाओं को जन चेतना से हटाने के सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रयासों को रेखांकित करता है। यह ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी हांगकांग में अपने शासन के लिए लोकतांत्रिक चुनौतियों का सामना कर रही है।  लेकिन अधिकारियों का कहना है कि 2019 में बड़े पैमाने पर विरोध के बाद सुरक्षा कानूनों ने स्थिरता बहाल कर दी है

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News