ट्रंप ने अब महिलाओं की बर्बादी पर किए हस्ताक्षर  !

punjabkesari.in Tuesday, Apr 11, 2017 - 11:31 AM (IST)

वॉशिंगटनः दुनिया भर में जहां एक ओर महिलाओं की सुरक्षा और समानता को लेकर मुहिम चलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानूनों को ही रद्द कर दिया हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इन कानूनों को रद्द करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है।इससे अमरीका में पुरुष कर्मचारी कार्यस्थल पर महिला कर्मचारी का यौन उत्पीड़न आसानी से कर सकेंगे और कानून के शिकंजे से बच सकेंगे। पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए ये कानून बनाए थे, जिनको ट्रंप ने खत्म कर उनकी बर्बादी पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

 
ओबामा ने 2014 में महिला कर्मचारियों को उचित वेतन और कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर कार्यकारी आदेश जारी किया था। इसमें प्रावधान किया गया था कि कंपनियां श्रम एवं नागरिक अधिकार कानून के तहत महिला कर्मचारियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी. साथ ही महिलाओं को पुरुषों के समान उचित वेतन देने और इसमें पारदर्शिता लाने की भी व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा यौन उत्पीड़न मामले में सुलह के लिए महिला पर दबाव बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। नेशनल वोमेन्स लॉ सेंटर की कार्यस्थल पर महिलाओं की समानता मामले की डायरेक्टर माया रघु के मुताबिक ट्रंप के इस कदम से यौन उत्पीड़न मामले में निजी अटॉर्नी के माध्यम से महिलाओं पर दबाव डालकर मसले को आसानी से रफा-दफा किए जा सकेंगे।

इसके अलावा अमेरिका में महिलाओें को पुरुष कर्मचारी की तुलना में कम वेतन दिया जाता है. इकोनॉमिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के हालिया विश्लेषण के मुताबिक महिलाओं को पुरुषों को मिलने वाले वेतन का 83 फीसदी ही दिया जाता है। अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप पर कई महिलाएं यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं. उन पर अपनी बेटी का उत्पीड़न करने का भी आरोप लग चुका है। ऐसे में ट्रंप के इस कदम की आलोचना लाजमी है। उनके इस कदम से महिलाओं में आक्रोश है. ट्रंप इससे पहले ओबामा प्रशासन के कई कानून को रद्द कर चुके हैं। 
 


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