तालिबान सरकार बदलेगी अफगानिस्तान का पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र

punjabkesari.in Monday, Sep 27, 2021 - 04:44 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्‍तान में समावेशी सरकार का दावा करने वाला तालिबान धीरे-धीरे अपने पुराने रंग में लौटने लगा है। वो फिर से उन आदेशों को यहां पर थोपने लगा है जिसके लिए उसे पूरी दुनिया में जाना जाता है। अफगानिस्तान की सत्ता में 20 साल बाद वापसी करने वाले तालिबान ने  लोगों के पासपोर्ट और पहचान पत्रव सैलून को लेकर  नया फैसला सुनाया है।  अफगानिस्तान की हर खबर के लिए जुड़ें www.punjabkesari.in  के साथ

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  • तालिबान ने घोषणा की है कि वे पिछली सरकार द्वारा जारी किए गए अफगान पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र बदल देंगे। साथ ही यह भी कहा कि ये दस्तावेज कुछ समय के लिए मान्य होंगे। इसकी जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने तालिबान के सूचना और संस्कृति के उप मंत्री और प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद का हवाला देते हुए बताया कि यह संभव है कि अफगान पासपोर्ट और एनआईडी में 'अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात' नाम हो। मुजाहिद ने यह भी कहा कि पिछली सरकार द्वारा जारी किए गए दस्तावेज अभी भी देश के कानूनी दस्तावेजों के रूप में मान्य हैं।
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  • अफगानिस्तान में पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र विभाग अभी भी बंद हैं और केवल वे ही इन दस्तावेजों को प्राप्त कर सकते हैं जिन्होंने अपना बायोमेट्रिक्स प्रक्रिया पूरा कर लिया है। बता दें कि सत्ता में आने के बाद तालिबान लगातार कुछ न कुछ बदलाव कर रहा है। बीते दिनों उसने महिलाओं की मिनिस्ट्री खत्म कर दी और उसे प्रार्थना और मार्गदर्शन मंत्रालय बना दिया। वहीं उसने कहा है तालिबान में शरिया कानून लाएगा, जिसमें हाथ काटने से लेकर फांसी जैसी बर्बर सजा का प्रावधान है।
     
  • इसके अलावा तालिबान ने हेलमंद प्रांत में एक नया फरमान जारी कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट क अनुसार तालिबान ने अब हेलमंद में पुरुषों के बाल काटने व दाढ़ी ट्रिम करने पर बैन लगा दिया है। तालिबान के लिखित आदेश के हवाले से फ्रंटियर पोस्‍ट  में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक  तालिबान ने दक्षिणी अफगानिस्‍तान के हेलमंद में स्‍टाइलिश हेयरस्‍टाइल और दाढ़ी शेव करने पर बैन लगा दिया है।
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  • फ्रंटियर पोस्‍ट ने बताया कि इस्‍लामिक ओरियंटेशन मिनिस्‍ट्री की तरफ से एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। इस मीटिंग में प्रांतीय राजधानी लश्‍कर गाह में स्थित सैलून के हेयरड्रेसर्स को शामिल किया गया था। इन्‍हें सलाह दी गई है कि वो बालों को स्‍टाइलिंग करने और दाढ़ी को शेव करने से बचें।  यह ऑर्डर इस समय सोशल नेटवर्किंग पर वायरल हो रहा है।  इस ऑर्डर के मुताबिक सैलून में म्‍यूजिक भी प्‍ले नहीं होना चाहिए।
     
  • तालिबान द्वारा फांसी और हाथ और शरीर काटने जैसी सजाएं फिर शुरू किये जाने की चेतावनी के एक दिन बाद संगठन ने इस पर अमल भी कर दिखाया। चार लोगों के शवों को बड़ी क्रूरता से क्रेन के माध्यम से चौराहों पर लटका दिया गया। गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से तालिबान अपने पिछले कार्यकाल की तुलना में नरम शासन का वादा करता रहा है लेकिन देश भर से मानवाधिकारों के हनन की कई खबरें पहले ही सामने आ चुकी हैं।

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  • अफगानिस्तान के तालिबान अधिग्रहण के परिणामस्वरूप अफगान व्यवसायी महिलाओं के लिए काम का नुकसान हुआ है और वे शरीयत कानून की तालिबानी कठोर व्याख्या के कारण बड़े पैमाने पर अपने घरों तक ही सीमित हैं। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार  एक अफगान महिला निवेशक  नीलाब ने काबुल में एक साल पहले स्थापित किया गया महिलाओं के लिए ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र को बंद करने का फैसला किया है। नीलाब ने कहा, “मैं एक अस्पष्ट भविष्य का सामना कर रही हूं।”
     
  •  पहली बार साल 1996 में सत्‍ता संभालने के बाद तालिबान ने साल 2001 तक अफगानिस्‍तान पर शासन किया था।  इस दौरान उसने कई ऐसे आदेशों को यहां पर लागू किया जो दमनकारी थे। इन्‍हीं आदेशों को अब तालिबान फिर से लागू करने लगा है। तालिबान ने अफगानिस्‍तान में शरिया कानून लागू कर दिया है।  बड़े स्‍तर पर देश से मानवाधिकार हनन की खबरें आने लगी हैं। हाल ही में तालिबान ने उन चार शवों को सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन के लिए रखा था जिनकी मौत हेरात प्रांत में हुई थी। ये चारों अपहरण जैसे अपराध में शामिल थे।

 

 


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Content Writer

Tanuja

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