Afghanistan: काबुल के मंत्रालय में आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ाया, शरणार्थी मंत्री हक्कानी की मौत
punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2024 - 04:56 PM (IST)
Kabul: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आज एक आत्मघाती बम धमाके में शरणार्थी मंत्री ख़लील रहमान हक्कानी की मौत हो गई। तालिबान के दो वरिष्ठ नेताओं ने इस घटना की पुष्टि की है। धमाका अफगानिस्तान के शरणार्थी मंत्रालय के पास हुआ था। ख़लील रहमान हक्कानी हक्कानी नेटवर्क के एक प्रमुख सदस्य थे, जो कि अफगानिस्तान में तालिबान के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक है। वह अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा थे। हक्कानी परिवार का तालिबान और अफगानिस्तान के राजनीतिक मामलों में महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
At least 2 senior Taliban leader confirmed that Minister for Refugees, khalil Rahman Haqqani, was killed today in a bomb blast in Kabul. He was a prominent figure in the Haqqani Network and the uncle of Afghanistan’s Interior Minister, Sirajuddin Haqqani. The explosion occurred…
— Sami Yousafzai سمیع یوسفزي (@SamiYousafzaii) December 11, 2024
ख़लील रहमान हक्कानी की मौत तालिबान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वह इस संगठन के शीर्ष नेतृत्व का हिस्सा थे। धमाका उस समय हुआ जब ख़लील रहमान हक्कानी मंत्रालय में किसी महत्वपूर्ण बैठक के लिए मौजूद थे। आत्मघाती हमलावर ने खुद को उस स्थान पर उड़ा लिया, जहां मंत्री मौजूद थे, जिससे हक्कानी की मौके पर ही मौत हो गई। विस्फोट के बाद मंत्रालय परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया और कई अन्य लोग भी घायल हो गए। हालांकि, तालिबान सरकार ने अभी तक अन्य मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।
हक्कानी नेटवर्क का इतिहास
हक्कानी नेटवर्क, जो कि एक कट्टरपंथी जिहादी समूह है, लंबे समय से अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह समूह विशेष रूप से अफगानिस्तान में सुरक्षा बलों और विदेशी मिशनों पर हमले करने के लिए कुख्यात है। हक्कानी नेटवर्क का अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमा क्षेत्र में प्रभावशाली जाल है और इस समूह के सदस्य कई प्रमुख आतंकवादी हमलों में शामिल रहे हैं।
तालिबान का बयान
तालिबान सरकार ने इस हमले की निंदा की है और कहा है कि इस हमले का उद्देश्य उनके नेतृत्व को अस्थिर करना था। हालांकि, तालिबान ने इस हमले के पीछे किसी खास समूह या संगठन का नाम नहीं लिया है। इस घटना के बाद, तालिबान ने सुरक्षा को बढ़ाने और ऐसे हमलों को रोकने के लिए कई कदम उठाने की बात कही है।