‘ग्रीन पाकिस्तान’ परियोजना पर बवाल, सिंध में हिदू राज्य मंत्री पर हमला
punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 12:02 PM (IST)

Peshawar: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंचाई के लिए जरूरी नदियों के बहाव के कम होने की आशंका जताते हुए नयी नहरों की योजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने एक हिंदू राज्य मंत्री पर हमला कर दिया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार में धार्मिक मामलों के राज्य मंत्री खील दास कोहिस्तानी शनिवार को प्रांत के थट्टा जिले से गुजर रहे थे, तभी उनके काफिले पर टमाटर और आलू फेंके गए। अधिकारियों ने बताया कि हमले में कोहिस्तानी को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस बीच, पुलिस ने ‘सिंध तरक्की पसंद' पार्टी के नेता सैयद जलाल शाह को कोहिस्तानी के काफिले पर हमले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। प्राथमिकी में उनकी पार्टी के कई अन्य कार्यकर्ताओं के नाम भी दर्ज हैं।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कोहिस्तानी पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और उन्हें घटना की गहन जांच का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जन प्रतिनिधियों पर हमला अस्वीकार्य है। घटना में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।'' कोहिस्तानी सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सदस्य हैं। प्रदर्शनकारियों ने पार्टी की संघीय सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। संघीय सूचना मंत्री अत्ता तरार ने भी घटना का संज्ञान लिया और इसे "हमला" करार किया। तरार ने सिंध के पुलिस महानिरीक्षक गुलाम नबी मेमन से घटना का ब्योरा तथा संघीय गृह सचिव से रिपोर्ट मांगी है। सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने भी इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने हैदराबाद क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक को हमले में शामिल व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। नेशनल असेंबली की वेबसाइट पर मौजूद निजी जानकारी के अनुसार, कोहिस्तानी सिंध के जमशोरो जिले से संबंध रखते हैं और पहली बार 2018 में पीएमएल-एन के टिकट पर संसद के सदस्य चुने गए थे। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद, वह 2024 में फिर चुनाव जीते और उन्हें मंत्री बनाया गया। संघीय सरकार ने घोषणा की है कि ग्रीन पाकिस्तान पहल के तहत चोलिस्तान क्षेत्र में भूमि की सिंचाई के लिए पंजाब प्रांत में छह नहरों के निर्माण किया जाएगा है। परियोजना को सेना, संघीय सरकार और पंजाब प्रांत के प्रशासन का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, सिंध में विभिन्न दल और राष्ट्रवादी समूह इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि नहरों के कारण पानी का बहाव कम हो जाएगा और प्रांत में सिंचाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रदर्शनकारी प्रस्तावित नहरों का विरोध कर रहे हैं।