सिक्किम विवाद ट्रंप को प्रभावित करने की भारत की कोशिश का हिस्सा है: चीनी मीडिया

punjabkesari.in Monday, Jul 03, 2017 - 04:17 PM (IST)

बीजिंग: चीन में एक सरकारी समाचार पत्र ने आज एक लेख में कहा कि सिक्किम क्षेत्र में एक सड़क बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीकी यात्रा से पहले भारत के आपत्ति जताने का मकसद वाशिंगटन को यह दर्शाना था कि वह चीन के उदय को रोकने के लिए कृत संकल्प है।   


ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में कहा, मोदी ने ट्रंप के साथ अपनी बैठक की तैयारी के लिए दो कदम उठाए। पहला, उन्होंने अमरीका के साथ हथियार सौदा किया। हथियार सौदे से अमरीका को भारत से भारी मौद्रिक लाभ ही नहीं होगा बल्कि इससे चीन पर नजर रखने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होगी। 


सरकारी थिंक टैंक शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में वरिष्ठ फेलो ने लियू जोंग्यी ने अपने लेख में लिखा, दूसरे कदम का मकसद अमरीका को यह दर्शाना है कि चीन के उदय को रोकने के लिए भारत कृत संकल्प है। उन्होंने डोकलाम में जारी गतिरोध पर कहा, उदाहरणार्थ, भारतीय बलों ने चीन-भारत सीमा के विवादित सिक्किम क्षेत्र को पार किया और मोदी की अमरीका यात्रा से कुछ दिन पहले चीनी कर्मियों को सड़कों का निर्माण करने से रोका। 


लेख में कहा गया है कि इसके अलावा,भारत सरकार ने चीनी उत्पादों के संबंध में डंपिंग विरोधी जांच शुरू की है। मोदी प्रशासन चीन-भारत संबंधों की कीमत पर अमरीकी सहयोग चाहता है और उसने चीन के उदय को रोकने के लिए नेतृत्व किया है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार डोकलाम घटना 16 जून को हुई जबकि चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि भारतीय बलों ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को सड़क निर्माण से 18 जून को रोका था। मोदी ने 25 से 27 जून तक अमरीका की यात्रा की थी। लेख में मोदी की अमरीका यात्रा को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा गया है कि बैठक से सीमित परिणाम मिलने के मद्देनजर यह एेतिहासिक घटना नहीं थी, जैसा कि भारत में कुछ मीडिया संस्थानों ने इसे पेश किया था।  इसमें साथ ही कहा गया है कि मोदी ने ट्रंप के साथ अपेक्षाकृत सामंजस्यपूर्ण संबंध स्थापित किए हैं। 


लेख में कहा गया है, चीन के बढ़ते प्रभावों की काट के लिए अमरीका भारत का समर्थन करता है लेकिन वह चीन को नाराज करने की कोशिश नहीं करता है क्योंकि ट्रंप को अब भी कई मामलों में चीन की मदद की आवश्यकता है। हिज्बुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन को अमरीका की आेर से वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के मामले पर लेख में कहा गया है कि यह अमरीका के इस नजरिए के अनुरूप है कि पाकिस्तान विवाद के समाधान में अहम होने के बजाए क्षेत्रीय विवादों का स्रोत है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News