सत्ता चलाने में ये दोनों भाई हैं एक - दूजे से जुदा

punjabkesari.in Tuesday, Aug 01, 2017 - 10:37 PM (IST)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की राजनीति में वंशवाद कोई नया नहीं है। राजनैतिक घरानों के लिए ये पारिवारिक व्यवसाय है। हम नवाज शरीफ के सत्ता चलाने के तौर तरीकों से बखूबी वाकिफ हो चुके हैं। बारी उनके छोटे भाई की है। आने वाले समय में प्रधानमंत्री बनने जा रहे शाहबाज शरीफ अपने भाई की कार्बन कॉपी नहीं है। वह सरकार के शीर्ष पर बैठकर एक नई शैली बना सकते हैं। इसलिए अभी से उनकी कार्य क्षमताओं और शैलियों की चर्चाएं आम हो गई हैं। 

शाहबाज ने अपनी छवि वर्कोहॉलिक यानी ज्यादा काम करने वाले और समय पर परियोजनाओं को पूरा करने वाले व्यक्ति के रूप में बनाई है। शाहबाज के कई सहयोगियों ने कहा कि वह एक कड़े प्रशासक हैं। उन्होंने प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी।
 

मई में जब एक चीनी निर्मित कोयला आधारित पावर स्टेशन रिकॉर्ड समय में बना, तो पीएमएल-एन ने इसे अपनी उपलब्धि बताते हुए अखबारों में विज्ञापन दिए थे। एक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) संयंत्र भी रिकॉर्ड समय में बनाया गया था। पंजाब सरकार के एक अधिकारी अतारी अली खान ने लंबे समय तक शाहबाज के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि आप चाहें या नहीं, लेकिन यदि आपको शाहबाज शरीफ के साथ काम करना है, तो हमेशा तैयार रहना होगा।
 

विश्लेषकों का कहना है कि शाहबाज ने सेना के जनरलों के साथ बेहतर संबंध बनाए हैं, जिन्होंने 1999 में नवाज शरीफ के दूसरे कार्यकाल में विद्रोह कर तख्तापलट कर दिया था। न्यूजवीक पाकिस्तान के लेखक और कॉन्ट्रिब्यूटिंग एडिटर खालद अहमद ने कहा कि शाहबाज शरीफ अधिक व्यावहारिक हैं। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) बिना किसी परेशानी के सत्ता का हस्तांतरण करने जा रही है। इसके तरत नवाज के वफादार शाहिद खाकन अब्बासी को दो महीने के लिए प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। दो महीने में होने वाले उप-चुनाव में शाहबाज सांसद बनकर पीएम का पद संभालेंगे।
 

इस तरह के एक सुव्यवस्थित सौहार्द राजनीतिक रूप से उथल-पुथल वाले पाकिस्तान के इतिहास के विपरीत होगा। पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के साथ शाहबाज के रिश्ते अपने भाई की तुलना में अधिक सौहार्दपूर्ण रहे हैं। 65 वर्षीय शाहबाज शरीफ, राजनीति में अपने तीन दशकों के काम के दौरान नवाज की छत्र-छाया में रहे हैं। विशाल पंजाब प्रांत में ढांचागत परियोजनाओं के बुनियादी ढांचे के साथ काम करने वाले एक प्रशासक प्रशासक के रूप में उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। शाहबाज के एक करीबी ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी कमजोरी नवाज शरीफ हैं।
 


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