Russia-Ukraine War: 21 महीने की जंग निर्णायक मोड़ पर ! ट्रंप-शी की चुप्पी से टूटी जेलेंस्की की उम्मीदें
punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 01:09 PM (IST)
International Desk: पूर्वी यूक्रेन का सबसे अहम शहर पोकरोव्स्क (Pokrovsk) अब रूस के कब्जे के बिल्कुल करीब है। यह वही इलाका है जिसे यूक्रेन किसी भी हाल में रूस के हाथों में जाने नहीं देना चाहता था, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे हर कीमत पर जीतना चाहते हैं। करीब 21 महीनों से चल रही यह भीषण जमीनी लड़ाई अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। भले ही पोकरोव्स्क का रणनीतिक महत्व अब कम हो गया हो, लेकिन यह रूस के लिए प्रतिष्ठा की प्रतीकात्मक जीत साबित हो सकती है -जो पूरी दुनिया के सामने क्रेमलिन की ताकत दिखाएगी।
शहर में घमासान और चारों ओर से घेरा
हाल के दिनों में पोकरोव्स्क में भीषण युद्ध तेज हुआ है। सीएनएन के मुताबिक, एक यूक्रेनी कमांडर ने बताया, “हम लगभग चारों ओर से घिरे हुए हैं, लगातार गोलाबारी और शहरी युद्ध जारी है।”यूक्रेनी सैनिकों का कहना है कि रूसी सेना बड़े समूहों में आगे बढ़ रही है। हालांकि कई सैनिक ड्रोन हमलों में मारे जा रहे हैं, फिर भी कुछ शहर तक पहुंचने में सफल हो रहे हैं। यह रणनीति रूस के लिए महंगी पड़ रही है, लेकिन क्रेमलिन किसी भी कीमत पर इस जीत को हासिल करना चाहता है।
रूस की ‘प्रतीकात्मक’ जीत, यूक्रेन की हार
अमेरिकी थिंक टैंक Institute for the Study of War (ISW) के विशेषज्ञ जॉर्ज बैरोस के मुताबिक, पोकरोव्स्क पर कब्जा रूस को कोई बड़ा सैन्य लाभ नहीं देगा, लेकिन यह राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक विजय साबित होगी। यह इलाका पहले यूक्रेन का एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब था, जहां से डोनेत्स्क, जापोरिजिया और डिनीप्रो जैसे शहरों को जोड़ने वाले मार्ग संचालित होते थे। मगर अब रूस की घेराबंदी और ड्रोन हमलों से ये मार्ग निष्क्रिय हो चुके हैं।
जेलेंस्की की चिंता, ट्रंप-शी की ‘चुप्पी’
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की थी कि वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर दबाव डालें ताकि चीन रूस को समर्थन देना बंद करे। लेकिन ट्रंप-शी की हालिया बैठक में यूक्रेन युद्ध का जिक्र तक नहीं हुआ। दोनों नेताओं ने केवल व्यापारिक समझौतों पर बात की, जिससे कीव को बड़ा झटका लगा।
डोनबास क्षेत्र के लिए निर्णायक लड़ाई
पोकरोव्स्क को डोनबास क्षेत्र का दरवाज़ा कहा जाता है। यहां से सैनिकों और हथियारों की सप्लाई पूरे पूर्वी मोर्चे पर होती है। अगर रूस इसे कब्जा लेता है, तो वह डोनेत्स्क क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण के बेहद करीब पहुंच जाएगा। इस शहर के गिरने से कुरामाटोर्स्क, स्लोवियान्स्क, कोस्त्यांतिनिव्का और द्रुज़किव्का जैसे यूक्रेन के रणनीतिक शहरों की सुरक्षा दीवार टूट जाएगी।
मनोबल टूटने की कगार पर यूक्रेन
रूस ने इस इलाके में 1.7 लाख सैनिक तैनात किए हैं। शहर में अब केवल 1,200 नागरिक बचे हैं, बाकी लोग भाग चुके हैं। यूक्रेनी सैनिकों की कमी, बख्तरबंद गाड़ियों की अनुपलब्धता और देर से रणनीतिक फैसलों ने स्थिति और खराब कर दी है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर रूस पोकरोव्स्क पर कब्जा कर लेता है, तो यह पुतिन की राजनीतिक जीत और जेलेंस्की की सबसे बड़ी हार होगी।
