यूक्रेन पर हमले के दौरान रूस ने पहली बार दागी इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल
punjabkesari.in Thursday, Nov 21, 2024 - 03:36 PM (IST)
इंटरनॅशनल डेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में रूस ने पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का उपयोग किया। यूक्रेन की वायुसेना ने दावा किया है कि यह मिसाइल रूस के अस्त्रखान क्षेत्र से दागी गई। यह मिसाइल हज़ारों किलोमीटर दूर तक हमला करने में सक्षम है।
पहली बार ICBM का इस्तेमाल
रूस ने यह मिसाइल उस समय दागी जब यूक्रेन ने अमेरिका और ब्रिटेन से मिली लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल कर रूस के अंदर लक्ष्यों को निशाना बनाया था।
- यह ICBM परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती है।
- हालांकि, यूक्रेन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस मिसाइल में परमाणु हथियार था या नहीं।
डीनिप्रो पर हमला
यूक्रेन की वायुसेना ने बताया कि रूसी मिसाइल ने डीनिप्रो शहर के औद्योगिक क्षेत्र और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया।
- मिसाइल हमले से औद्योगिक इकाई में आग लग गई और दो लोग घायल हुए।
- रूस ने सात क्रूज मिसाइलें भी दागीं, जिनमें से छह को यूक्रेनी सेना ने नष्ट कर दिया।
अमेरिका ने उठाए सुरक्षा कदम
अमेरिका ने इस घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए कीव में स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया है। यह कदम रूस के परमाणु हमले की आशंका के चलते उठाया गया।
युद्ध का 1,000वां दिन और बढ़ता तनाव
- इस हफ्ते युद्ध के 1,000 दिन पूरे हो गए, लेकिन दोनों पक्षों में तनाव लगातार बढ़ रहा है।
- यूक्रेन ने ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो और अमेरिकी एटीएसीएमएस मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए रूस के कुर्स्क क्षेत्र में हमला किया।
ट्रम्प और बाइडेन के रुख का प्रभाव
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में यूक्रेन को अरबों डॉलर की मदद मिली है।
- पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्ध खत्म करने का वादा किया है, जिससे युद्धरत पक्ष जल्द से जल्द मजबूत स्थिति में आने की कोशिश कर रहे हैं।
रूस की चेतावनी और कीव का जवाब
रूस ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी देशों से मिले हथियारों का उपयोग सीमा से दूर रूसी क्षेत्रों पर करना स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
वहीं, यूक्रेन का कहना है कि उसे रूस के हमलों का जवाब देने और अपनी सुरक्षा के लिए ऐसे कदम उठाने की जरूरत है।
क्या होगा आगे?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी इस संघर्ष में ICBM का इस्तेमाल युद्ध को एक नया मोड़ दे सकता है। बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक स्तर पर इस स्थिति पर नजर रखी जा रही है।