अमेरिका की शांति योजना पर दबाव बढ़ा – क्या रूस को मिलेगा कूटनीतिक फायदा? यूक्रेन में भी गहराया राजनीतिक संकट
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 10:28 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका द्वारा तैयार की गई संभावित शांति योजना को लेकर यूक्रेन पर दबाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पहले से ही देश के भीतर बड़े राजनीतिक संकट और भ्रष्टाचार से जुड़े घोटाले के कारण आलोचना का सामना कर रहे हैं। उनके कई करीबी सहयोगी और मंत्री इस स्कैंडल में उलझे हुए हैं, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हुई है।
जेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन ने अपनी गरिमा और स्वतंत्रता खोई, या अमेरिका का समर्थन कमजोर हुआ, तो यह देश के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
अमेरिका की योजना रूस को देगा बढ़त?
हाल ही में जेनेवा में हुई बातचीत को जेलेंस्की ने सराहा और उम्मीद जताई कि इससे किसी सकारात्मक नतीजे तक पहुंचा जा सकता है। यूक्रेन को उम्मीद इसलिए भी मिली थी क्योंकि अमेरिका ने रूस के तेल कारोबार पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं—यही रूस की युद्ध फंडिंग का मुख्य स्रोत है। इसके अलावा यूक्रेन के लंबी दूरी वाले ड्रोन और मिसाइल हमलों ने रूस की पेट्रोलियम इंडस्ट्री को भारी नुकसान पहुंचाया है। लेकिन अब अमेरिकी शांति प्रस्ताव की ड्राफ्ट योजना को लेकर आशंका है कि इससे कूटनीतिक बढ़त फिर रूस के हाथ में चली जा सकती है। क्योंकि यूक्रेन अपनी सैन्य रणनीति और क्षमताओं के लिए अमेरिकी हथियारों और खुफिया जानकारी पर भारी निर्भर है।
जेनेवा में अमेरिका-यूक्रेन के बीच तेजी से बातचीत
अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो और यू.एस. स्पेशल एनवॉय स्टीव विटकॉफ रविवार को जेनेवा पहुंचे। यह बैठक बेहद कम समय में आयोजित की गई, जो इस बात का संकेत है कि अमेरिका इस समझौते को जल्दी अंतिम रूप देना चाहता है। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार:“हम चाहते हैं कि अंतिम विवरण जल्द से जल्द तय हो जाएं… ताकि यूक्रेन को लाभ पहुंचे। लेकिन अंतिम फैसला तभी होगा जब दोनों राष्ट्रपति ट्रंप और जेलेंस्की आमने-सामने मिलेंगे।” अमेरिकी आर्मी सेक्रेटरी डेनियल ड्रिस्कॉल भी इन वार्ताओं में मौजूद हैं।
यूरोप ने भी अमेरिकी प्रस्ताव के आधार पर तैयार किया अपना प्लान
यूक्रेन की ओर से वार्ता का नेतृत्व राष्ट्रपति जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमाक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से मुलाकात की है और अगली मीटिंग अमेरिका के साथ होगी। यूरोपीय देशों का कहना है कि अमेरिकी प्रस्ताव एक “अच्छा आधार” है, लेकिन उसे और काम की जरूरत है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान की भी बड़ी भूमिका
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान ने कहा है कि वे सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे और इस मुद्दे पर यूरोपीय देशों व अमेरिका के साथ भी जानकारी साझा करेंगे। पुतिन ने अमेरिकी प्रस्ताव को “संभव समाधान का आधार” बताया है, लेकिन रूस के कुछ हिस्से इस योजना से संतुष्ट नहीं हो सकते क्योंकि प्रस्ताव में रूस से कुछ कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करने की मांग शामिल है।
