India US Deal: भारत ने अमेरिका के साथ पहली बार की एक एतिहासिक डील, जानिए अब देश पर क्या पड़ेगा इसका असर
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 01:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क : भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका के साथ एलपीजी (LPG) आपूर्ति की ऐतिहासिक डील कर ली है। इस समझौते के बाद देश में रसोई गैस की उपलब्धता आसान होगी और भविष्य में सप्लाई की कोई कमी नहीं आएगी। कई महीनों से इस डील को लेकर चर्चाएं चल रही थीं, जिसे अब औपचारिक रूप से पूरा कर लिया गया है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका से लंबे समय के लिए LPG आयात का एक वर्ष का करार किया है।
A historic first!
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) November 17, 2025
One of the largest and the world’s fastest growing LPG market opens up to the United States.
In our endeavour to provide secure affordable supplies of LPG to the people of India, we have been diversifying our LPG sourcing.
In a significant development,…
क्यों मानी जा रही है यह डील ऐतिहासिक?
मंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह भारत के LPG बाजार के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है। भारत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते LPG उपभोक्ता देशों में से एक है। ऐसे में अमेरिका से सप्लाई जोड़ना LPG सोर्सिंग के विविधीकरण की दिशा में अहम पहल है। उन्होंने बताया कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने एक साल के लिए करीब 2.2 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) LPG आयात करने का अनुबंध पूरा किया है। यह भारत के कुल वार्षिक LPG आयात का लगभग 10 प्रतिशत होगा। यह सप्लाई अमेरिकी खाड़ी तट (US Gulf Coast) से की जाएगी। पुरी ने इसे भारतीय बाजार के लिए अमेरिका से पहला दीर्घकालिक एलपीजी समझौता बताया।

डील का आधार और प्रक्रिया
- यह खरीद माउंट बेल्वियू (Mont Belvieu) प्राइसिंग बेंचमार्क पर आधारित है, जो एलपीजी ट्रेड का महत्वपूर्ण ग्लोबल प्राइस पॉइंट है।
- IOC, BPCL और HPCL की टीमों ने पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बातचीत करने के लिए अमेरिका की यात्राएँ की थीं।
- उन चर्चाओं का नतीजा यह सफल करार है, जो भारत की सप्लाई लाइन को और मजबूत करेगा।
देश के उपभोक्ताओं को क्या लाभ होगा?
मंत्री पुरी ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता भारतीय परिवारों, विशेषकर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जुड़े महिला उपभोक्ताओं को सस्ती रसोई गैस उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि पिछले साल अंतरराष्ट्रीय गैस कीमतों में 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनिश्चित किया कि उज्ज्वला उपभोक्ता प्रति सिलेंडर केवल 500–550 रुपये ही चुकाएं, जबकि वास्तविक कीमत 1100 रुपये से भी ज्यादा थी।
इसके लिए केंद्र सरकार ने साल भर में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक बोझ उठाया। यह नया LPG समझौता सप्लाई को स्थिर रखेगा और कीमतों को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
