भुखमरी से जूझ रहा ये देश, गंदगी और मिट्टी के बिस्किट खाकर जीते हैं लोग (PICS)

punjabkesari.in Thursday, Feb 08, 2018 - 02:54 PM (IST)

  नई दिल्लीः दुनिया में बहुत एेसे देश हैं जहां लोग भुखमरी से मर रहे हैं।  गरीबी रेखा से बहुत नीचे  इन देशों में लोगों को खाना तक नसीब नहीं होता है। आज एक ऐसे  ही देश के बारे में बताने जा रहें है जहां के लोग अपनी भूख मिटाने के लिए  कुछ ऐसा खाने को मजबूर हैं जिसे सुनते ही आप दांतों तले उंगली चबा लेंगे। भुखमरी से पीडि़त इस देश के लोग अपनी भूख शांत करने के लिए  गंदगी और मिट्टी के बने बिस्किट खाने को मजबूर हैं। यह देश है हैती जहां लाखों लोग कुपोषित हैं और पौष्टिक आहार का खर्च नहीं अदा कर सकते।
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बता दें कि हैती की गिनती सरकार के उन दरिद्र देशों के रूप में होती है, जहां लाखों लोग गंदगी में रहने और गंदगी खाने को मजबूर हैं। यहां आज भी करीब तीन लाख लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है। भूख यहां सबसे बड़ी समस्या बन गई है। जबकि 10 प्रतिशत हैतीवादी देश की कुल आय का 70 प्रतिशत हिस्सा कमाते हैं, लेकन ज्यादातर ऐसे हैं जो एक या दो यूएस डॉलर से भी कम की आय पर जीते हैं। इसलिए यहां कुपोषण की समस्या सबसे ज्यादा है और अगर इस चीज से बचना है तो मिट्टी से बने बिस्किट ही इनके जीने का सहारा हैं।
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पौष्टिक आहार जैसे फल, दूध, दही , सब्जियां इनके लिए विलासता की चीजें मानी जाती हैं। इन मुश्किल परिस्थिति से बचने के लिए कुछ हैतीवासियों ने नमक, वनस्पति तेल और मिट्टी के मिश्रण के पुराने नुस्खे का सहारा ले रहे हैं। जिसे वहां के लोग बोन-बोन टैरेस कहते हैं यानि की कीचड़ के बिस्किट। मिट्टी के बिस्किट बनाने वाली एक महिला सिलेन डेनिस ने वल्र्ड फोकस के एक इंटरव्यू में बताया थ कि यह आपका पेट भर देता है। जब हम कुछ नहीं खा पाते हैं, तब ये मिट्टी का बिस्किट हमारा पेट भरता है।
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महिलाओं द्वारा मिट्टी और पानी को मिलाकर लेई तैयार करने के बाद इन बिस्किट को सूरज की रोशनी में सुखाने के लिए जमीन पर डाल दिया जाता है। हैती के कुछ इलाकों में इन्हें बेचते भी हैं। इस मिट्टी को एक जगह से भरकर पहाड़ी क्षेत्रों में ले जाया जाता है और जो महिलाएं इसे बनाती हैं उनका मानना है कि इन बिस्किटों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और विटामिन रहते हैं।


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