पाकिस्तान के आर्थिक हालात हुए बद्तर, पहली तिमाही में 62.46 ट्रिलियन रुपए तक बढ़ा कर्ज

punjabkesari.in Saturday, Nov 19, 2022 - 04:44 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के आर्थिक हालात दिन ब दिन और बद्तर हो चुके हैं। स्थिति इतनी खराब है कि  कुल कर्ज और देनदारियों में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पाकिस्तानी रुपए 12 ट्रिलियन का इजाफा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण किस्त और रुपए के अवमूल्यन ने संख्या में काफी वृद्धि की है। वित्तीय वर्ष, 2022-2023 में, जुलाई-सितंबर में ऋण और देनदारियां 62.46 ट्रिलियन रुपए थी, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि से अधिक है, जो कि 50.49 ट्रिलियन रुपए है। देश का कर्ज बढ़कर 59.37 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कुल देनदारी 23 फीसदी बढ़कर 3.56 लाख करोड़ रुपए हो गईं। 

 

इस्माइल इकबाल सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख फहद रऊफ ने कहा कि कर्ज में वृद्धि मुख्य रूप से बाहरी स्रोतों से हुई है। इसमें IMF 1.2 बिलियन अमेरिकी डालर का ऋण किश्त और समग्र विदेशी ऋण पर रुपए के मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, सरकार का घरेलू कर्ज 18.7 फीसद बढ़कर 31.40 लाख करोड़ रुपये हो गया। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (SBP) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर वित्त वर्ष 2023 में विदेशी कर्ज 17.99 ट्रिलियन रुपये था, जो एक साल पहले की तुलना में 30.2 प्रतिशत अधिक है। कुल विदेशी कर्ज और देनदारियां 33.4 फीसदी बढ़कर 28.94 लाख करोड़ रुपये हो गईं। टारस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मुस्तफा मुस्तानसिर ने कहा, 'ऋण दायित्वों का प्रबंधन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।' हालांकि, आईएमएफ के बेलआउट पैकेज की नौवीं समीक्षा के समापन को लेकर चिंताएं हैं।


 
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार IMF की समीक्षा में देरी विदेशी निवेशकों को और अधिक चिंतित कर रही है। इस बीच, पांच साल के करेंसी डिफॉल्ट स्वैप (CDS) इंडेक्स के जरिए मापा गया पाकिस्तान का डिफाल्ट का जोखिम सोमवार को 4.2 फीसद बढ़कर 64.2 फीसदी की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास बढ़ते आयात भुगतान और समय पर विदेशी ऋण चुकाने के लिए संसाधन नहीं थे। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (SBP) के गवर्नर जमील अहमद ने कहा है कि आयात का भुगतान करने और विदेशी कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान के पास '9 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो पर्याप्त से अधिक है।'


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News